India News(इंडिया न्यूज़), Dress Code In Temple (मंदिर में ड्रेस कोड): उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित एक हनुमान मंदिर में अब ड्रेस कोड लागू हो गया है। यह सुनकर आपको भले ही आश्चर्य हो रहे हो लेकिन यह बिल्कुल सच है। यहां मंदिर के गेट के बाहर बकायदा एक बोर्ड लगाया गया है, जिसमें मंदिर समिति और मंदिर के महंत के द्वारा निर्देशित किया गया है कि कोई भी भक्त छोटे वस्त्र पहनकर मंदिर में ना आए।
यानी जो भक्त छोटे वस्त्र पहनकर इस मंदिर में आएंगे, उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिर समिति और मंदिर के महंत का कहना है कि छोटे वस्त्र पहनकर आने वाले के कारण अन्य लोगों की आस्था पर चोट पहुंचती है, उनका पूजा भी भंग होता है। जिसके कारण यह निर्णय लिया गया है। साथ ही मंदिर समिति का कहना है यह निर्णय सभी भक्तों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। वहीं मंदिर में आने वाले कुछ भी मंदिर समिति और महंत के इस निर्णय की सराहना कर रहे हैं।
गाजियाबाद के राज नगर के सेक्टर-23 में हनुमान मंदिर है जो कि काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर में आने वाले लोगों की मनोकामना पूरी होती है। अब इस मंदिर के गेट के बाहर एक बोर्ड लगाया गया है। जिस पर मंदिर समिति और महंत के द्वारा एक संदेश दिया गया है, कि मंदिर में छोटे बस पहन कर आना सख्त मना है जिसमें महिला और पुरुष दोनों ही शामिल हैं।
मंदिर के पुजारी और परामर्श समिति के अध्यक्ष बीके अग्रवाल ने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि कुछ वक्त छोटे कपड़े जैसे हाफ पैंट, स्लीवलेस निक्कर टी-शर्ट इत्यादि पहन के आ जाते है। भले ही वह पूजा अर्चना करने आते हैं। किंतु छोटे कपड़े होने के कारण उनके शरीर का काफी अंग दिखाई देता है। जिसके कारण अन्य भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचता है। साथ ही उनका पूजा भी भंग होता है। भक्तों द्वारा ही जब छोटे वस्त्र पहन कर आने वाले लोगों के बारे में टिप्पणी की गई तो इस पर मंदिर समिति ने भी निर्णय लिया है। अब मंदिर में आने वाले सभी लोग इस बात का विशेष ध्यान रखें कि छोटे बस पहनकर मंदिर में बिल्कुल भी ना आएं।
मुख्य ट्रस्टी बीके अग्रवाल का कहना है कि छोटे वस्त्र पहन कर मंदिर में आकर पूजा करना भारतीय संस्कृति के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। इसलिए इसे गंभीरता से लेते हुए मंदिर के गेट पर बोर्ड लगा कर लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस बात को लेकर पड़ताल की गई है और मंदिर में आने वाले अन्य भक्तों को जानकारी दी गई है। तो उन्हें भी मंदिर समिति और महंत के इस फैसले को सही ठहराया है। साथ ही लोगों ने इसकी जमकर सराहना की है। भक्तों ने यहां तक कहा कि केवल इसी मंदिर में नहीं बल्कि सभी मंदिर में इस तरह के नियम नियम लागू होने चाहिए।
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