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Hum Mahilayen: डॉ. मदन और डॉ. सुमिता ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर की खास बातचीत, कहा- फैसिलिटी की कमी होने से भी समस्या

• LAST UPDATED : June 18, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Hum Mahilayen,उत्तराखंड: आईटीवी नेटवर्क का हम महिलाएं शो का देहरादून संस्करण का आयोजन देहरादून के (Hum Mahilayen Dehardun Edition) होटल पैसिफिक में चल रहा है। ऐसे में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर खास बात चीत की गई इस दौरान डॉ. सुमिता प्रभाकर(DR shmita Prabhaka) और  मदन एम भारद्वाज (Dr. Madan Mohit Bhardwaj) ने इस मुद्दे पर अपने राय रखी। ऐसे में इस मंच पर महिलाओं को हर महिना आने वाले पीरियड को लेकर खास बातचीत की गई।

महिलाओं में बहुत सारी समस्या अवेयरनेस की कमी के कारण- डॉ. सुमिता

इस दैरान डॉ. सुमिता प्रभाकर स्त्री रोग विशेषज्ञ ने पहाड़ों में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर चुनौतियों पर बात करते हुए कहा कि हां पहाड़ों में बहुत सारे फैसिलिटी अब देखने को मिलता है। ऐसे में महिलाओं के अंदर पीरियड शूरू होने से लेकर  खत्म होने तक बहुत सारी समस्याएं देखने को मिलती हैं। इनमें से बहुत सारे समस्याएं अवेयरनेस की कमी से होती है। जानकारी के अभाव में महिलाएं अपना ध्यान नहीं रख पाती हैं।  फैसिलिटी की कमी होने से भी समस्या हो जाती है। उन्होंने कहा कि मैने 2001 में यहां काम करना शूरू किया था तब हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता था लेकिन अब बहुत कुछ बदल गया है। हालांकि अभी भी बहुत कामें करनी बाकी हैं।

सेहत का ख्याल रखने में हमारे देश की महिलाएं पीछे

महिला एक पूरे घर का ख्याल रखती हैं बस अपना ख्याल रखना भूला जाती है। या महिला को बीमार होने का हक नहीं होता जैसे सवाल पर डॉ. सुमिता ने कहा कि हां ये बात बिल्कुल सही है कि एक महिला पूरे घर का ख्याल रखती है लेकिन अपने दुख को इग्नोर कर देती है। ऐसे में ये कहा जा सकता है की सेहत का ख्याल रखने में हमारे देश की महिलाएं अभी बहुत पीछे हैं। आज महिलाएं नासा में काम करती है। पता नहीं कहां कहां पहुंच गई लेकिन अपने स्वास्थ के प्रती लापारवाह हैं।

महिला सशक्तिकरण दो कारणों से अधुरा

महिलाओं को होने वाली समस्याओं पर मदन भारद्वाज ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में दो कारणों से अधुरा है एक फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट नहीं और दूसरा यदि आप स्वस्थ नहीं हैं। उन्होंने सैनिटरी पैड पर बात करते हुए कहा कि प्लास्टिक कई बीमारियों का कारण बनता है, कपास के सैनिटरी पैड का उपयोग एक महिला को संभावित बांझपन से भी बचा सकता है। बता दें डॉ. मदन मोहित भारद्वाज शेविंग्स के संस्थापक हैं । SheWings भारत का पहला माइनर-फ्रेंडली सैनिटरी पैड बनाता है।

सरकारी दफतरों में टॉयलेट पूरूषों के अनुसार

एक सर्वे के बारे  में बात करते हुए डॉ. मदन मोहित भारद्वाज ने कहा कि हमने महिला इंडियन पुलिस ऑफिसर का सर्वे किया तो उसमें ये बात पता चली कि जो ऑफिसर है। वो जब बाहर काम पर जाती हैं तो वो पानी बहुत कम पिती हैं ताकी उन्हें पब्लिक टॉयलेट ना इसतेमाल करना पड़े। पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करने से Urinary Tract Infection  (UTI) होने के चांस होते हैं। सरकारी दफतरों में टॉयलेट बनाए गए हैं वो पूरूषों के अनुसार बनाए गए हैं।

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