इंडिया न्यूज (India News), Uttarakhand News: प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम धामी ने एक बड़ा ऐलान किया है। सीएम धामी ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी है कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून जल्द ही लागू हो सकती है। धामी सरकार ने यूसीसी की मसौदा तैयार कर लिया, क्योंकि उत्तराखंड में सरकार ने समान नागरिक संहिता तैयार करने के लिए मार्च 2022 में एक्सपर्ट कमिटी भी बनाई थी। इस कमेटी का काम आम लोगों की प्रतिक्रिया और सुझाव दिए थे। जिसके तहत कमेटी को करीब 2 लाख 31 हजार सुझाव भेजे गए।
देवभूमि उत्तराखंड में जल्द लागू करेंगे समान नागरिक संहिता (UCC) कानून। pic.twitter.com/n4LFvBp8Lp
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 18, 2023
पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध
प्रदेश में समान नागरिक संहिता का ब्लूप्रिंट तैयार किया जा चुका है। जिसके अनुसार लड़कियों की शादी की आयु बढ़ाई जाएगी। ताकि वह विवाह से पहले ग्रेजुएशन और अपनी पढ़ाई पूरी कर सके। इसके साथ ही ड्राफ्ट में पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे, तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्री के लिए भी लागू होगा। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग अलग ग्राउंड हैं। वहीं मेंटेनेंस का भी इसमें ध्यान रखा गया है कि अगर पत्नी की मौत हो जाती है और उसके माता पिता का कोई सहारा न हो, तो उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी पति की होगी।
लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन होगा जरूरी
इसके अलावा लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन जरूरी होगा, ये एक सेल्फ डिक्लेरेशन की तरह होगा जिसका एक वैधानिक फॉर्मेट होगा। वहीं इस ड्राफ्ट में नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्री को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी की बात कही गई है। अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता पिता का भी हिस्सा होगा।
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