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Uttarakhand News: आपदा प्रबंधन पर होने वाली छठीं वर्ल्ड कांफ्रेंस, 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि, छात्र, शोधार्थी होंगे शामिल

• LAST UPDATED : July 24, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Uttarakhand News: यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. दुर्गेश पंत ने बताया कि जून महीने में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कांफ्रेंस का पोस्टर जारी किया था। इसमें दुनिया के 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि, छात्र, शोधार्थी शामिल होंगे। यूकॉस्ट इस कांफ्रेंस का वैज्ञानिक एवं तकनीकों का सयोग है।

आपदा प्रबंधन पर छठी वर्ल्ड कांफ्रेंस

जी-20 के बाद अब देश में नवंबर में आपदा प्रबंधन पर छठी वर्ल्ड कांफ्रेंस होने जा रही है। इससे पहले उत्तराखंड के साथ कई राज्यों में भी प्री कांफ्रेंस होगी। देहरादून प्री कांफ्रेंस का आयोजन 4/अगस्त/2023 किया जाएगा। जिसकी तैयारियां जोरो शोरो से चल रही है। इंटरनेशनल डिजास्टर सोसाइटी, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) संयुक्त रूप से इस कांफेंस का आयोजन 28 नवंबर से एक दिसंबर के बीच होगा।यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. दुर्गेश पंत ने बताया की जून के महीने में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांफेंस का पोस्टर जारी किया था।इस कांफ्रेंस में 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, छात्र, शोधार्थी शामिल होने की संभावना है। बता दें यूकॉस्ट इस कांफ्रेंस में वैज्ञानिक एवं तकनीकी का संयोग है।

इस दौरान उन्होंने बताया कि देशभर के अलग-अलग राज्यों में प्री कांफ्रेंस होंगी, जिसके चलते देहरादून में पहली प्री कांफ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। डॉ. पंत द्वारा बताया कि इस कांफ्रेंस का विषय स्ट्रेंथनिंग क्लाइमेट एक्शन एंड डिजास्टर रिसाइलेंस है। विभिन्न राज्यों व देशों में अपनाई जा रही तकनीकों से दूसरे देशों में भी आपदा प्रबंधन आसान होगा।

वर्ल्ड कांफ्रेंस में जापान की मशीनों को भी किया जाएगा प्रदर्शित

जापान एक ऐसा देश है जो टेक्नोलाजी के क्षेत्र में सबसे अधिक ध्यान दिया है।जिस वजह से जापान टेक्नोलाजी के मामले में सबसे आगे है। बता दें जापान ने आपदा के प्रबंधन के क्षेत्र में सबसे अधिक काम किया है।इस वर्ल्ड कांफ्रेंस में जापान की मशीनों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस वर्ल्ड कांफ्रेंस में शामिल होंने के लिए आमंत्रण भेजा जा चुका है। जब नदियां अपना रुख बदलती है तो बाढ़ जैसी प्रकृति आपदा भयानक रुप ले लेती है। जिस कारण भारी मात्रा में लोगों का विस्थापन, जन- धन की हानी होती है। इस मुद्दे पर भी सम्मेलन में विशेषज्ञ वार्ता होगी।

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