India News (इंडिया न्यूज़), Kotdwar News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री आवास योजना के नियमों को ताक पर रखते हुए नगर निगम कोटद्वार के द्वारा इसकी धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण नगर निगम के वार्ड 37 में कुछ ज्यादा ही दिखाई पड़ रहा है। यहां पर एक स्थानीय नागरिक और अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी आवास पास करा रखे हैं।
वार्ड नंबर 37 पश्चिमी झंडीचौड़ में एक मामला प्रकाश में आया है जहां पर अपात्र लाभार्थी मुन्नी देवी खुद बता रही है की उनका तो पक्का मकान है और उन्हें प्रधान मंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल सकता था लेकिन उन्होंने एक जिम्मेदार व्यक्ति को बीस हजार रुपए देकर प्रधान मंत्री आवास योजना का लाभ लिया है। जिसमे अभी 60हजार रुपए किस्त मिलनी बाकी रह गई है।
नगर निगम के इस रवैए को लेकर क्षेत्र में भारी आक्रोश
लाभ लेनी वाली अपात्र लाभार्थी मुन्नी देवी के पड़ोस में झोपड़ी में रहने वाले परिवार के द्वारा कई बार प्रधान मंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया गया लेकिन उन्हें इस योजना से वंचित रखा गया है। नगर निगम के इस रवैए को लेकर क्षेत्र में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। पूर्व प्रधान पूरण चंद ने नगर निगम पर घूसखोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि पात्र व्यक्ति को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है क्योंकि इनके पास निगम को देने के लिए पैसे नहीं है।
वहीं, पूर्व प्रधान पूरण चंद बताते हैं कि ऐसे तमाम अपात्र लोगो को आवास दिए गए है जो कहीं भी इस योजना के दायरे में आते ही नहीं है। जिस तरह से नगर निगम द्वारा प्रधान मंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में पलीता लगाया जा रहा है इस पर जांच होनी चाहिए और जो कर्मचारी व जनप्रतिनिधि इस सम्मिलित है उस पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
इस मामले में नगर आयुक्त वैभव गुप्ता ने बताया की जांच की जाएगी और जिस अपात्र व्यक्ति को योजना का लाभ दिया गया है और इसमें कर्मचारी की भूमिका संलिप्त पाई जाती है तो उस पर नियमावली के अंतर्गत कार्यवाही होगी और साथ ही अपात्र लाभार्थी से भी रिकवरी कर उचित कार्रवाई कि जायेगी।