India News (इंडिया न्यूज़) Allahabad High Court News इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court News) ने मथुरा के शाहपुर गांव स्थित बांके बिहारी मंदिर के नाम दर्ज जमीन का राजस्व अभिलेखों समय समय पर इंद्राज बदलने की स्थिति स्पष्ट करने के लिए इससे जुड़े सभी रिकॉर्ड तलब किए हैं।
बता दे, कोर्ट में हाजिर एसडीएम, तहसीलदार व लेखपाल तहसील छाता हाजिर हुए गलती मानी है। आवेदन मिलने पर इंद्राज बदलने की जानकारी दी है । साथ ही कोर्ट ने अधिकारियों को फटकार लगाई है। कोर्ट ने अब पांच सितंबर को विवादित भूमि की आधार वर्ष खतौनी व इंद्राज से संबंधित सभी रिकॉर्ड के साथ एस डी एम को उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने बहस की।
उनका आरोप है कि विधिक प्रक्रिया के बगैर शाहपुर स्थित बांके बिहारी मंदिर की भूमि पर पहले कब्रिस्तान फिर पुरानी आबादी दर्ज कर दिया गया। राजस्व अभिलेखों में पहले यह जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम दर्ज थी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एसडीएम व तहसीलदार छाता से पूछा कि शाहपुर गांव के भूखंड संख्या 1081 की स्थिति समय-समय पर क्यों बदली गई। कोर्ट ने इसके लिए आधार वर्ष की खतौनी मांगी। लेकिन वह खतौनी किसी पक्ष के पास नहीं थी।
इस पर कोर्ट ने समय समय हुए इंदराज से जुड़े सभी रिकॉर्ड तलब किए हैं। याचिका के अनुसार प्राचीन काल से ही मथुरा के शाहपुर गांव स्थित गाटा संख्या 1081 बांके बिहारी महाराज के नाम से दर्ज था।
भोला खान पठान ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से 2004 में उक्त भूमि को कब्रिस्तान दर्ज करा लिया। जानकारी होने पर मंदिर ट्रस्ट ने आपत्ति दाखिल की।
यह प्रकरण वक्फ बोर्ड तक गया और आठ सदस्यीय टीम ने जांच में पाया कि कब्रिस्तान गलत दर्ज किया गया है। इसके बावजूद जमीन पर बिहारी जी का नाम नहीं दर्ज किया गया।
बल्कि पुरानी आबादी दर्ज कर दिया गया। इस पर यह याचिका की गई है। कोर्ट ने एसडीएम को तलब किया था। शुरू में जब सुनवाई हुई तो कोई अधिकारी मौजूद नहीं था । कोर्ट ने वारंट जारी करने का आदेश दिया।
थोड़ी देर में अधिकारी पहुंचे तो सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट से वारंट आदेश वापस लेने का अनुरोध किया। जिसपर याचिका की दुबारा सुनवाई हुई।जो देर शाम लगभग 5बजे तक चली ।
कोर्ट ने पूर्व में पारित आदेश वापस लेते हुए अगली तारीख पर रिकॉर्ड के साथ मौजूद रहने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 5 सितंबर को होगी।