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CM Pushkar Singh Dhami Birthday : उत्तराखंड के सबसे युवा CM पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिन पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातें, कभी क्लास में मॉनीटर बनने का था शौक, आज….

• LAST UPDATED : September 16, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), CM Pushkar Singh Dhami Birthday : उत्‍तराखंड 10वें मुख्‍यमंत्री के रूप में पुष्‍कर सिंह धामी ने जुलाई 2021 में पद और प्रतिष्‍ठा की शपथ ली थी। पुष्‍कर सिंह धामी 49 वर्ष की आयु में उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। पुष्‍कर सिंह धामी बेहद साधारण व्‍यक्तित्‍व वाले नेता है जो युवाओं को खासा प्रभावित करता है।

धामी के हाथ में पूरे राज्य की बागडोर

पुष्कर सिंह धामी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत और बेहद सरल व्यक्तित्व वाले नेता हैं। उनका जन्म 16 सितम्बर 1975 में पिथौरागढ़ के हड़खोला, कनालीछीना में बेहद साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता भारतीय सेना में थे। पुष्कर सिंह धामी बचपन में अपनी साइकिल पर स्कूल जाते थे, और उन्हें क्लास मॉनीटर बनने का बहुत शौक हुआ करता था। कहते हैं हौसले बुलंद रखों सफलता आपके कदम चूमेगी। अब वहीं पुष्कर सिंह धामी के हाथ में पूरे राज्य की बागडोर है। पुष्कर सिंह धामी के दोस्त मनोज सिंह राणा, जिन्होंने उनके साथ पढ़ाई की थी, ने कहा कि वह छोटी उम्र से ही मेहनती थे। हाईस्कूल से आगे की पढ़ाई उन्होंने खटीमा के थारू राजकीय इंटर कॉलेज से की है।

धामी में बचपन से ही टीम भावना रही

अगर खाने की बात हो तो उसमें उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री कैसे पीछे रह सकते हैं। पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का पारंपरिक पहाड़ी खाना पसंद है। धामी में बचपन से ही टीम भावना रही है। उन्होंने वहां सभी का बहुत अच्छे से स्वागत किया। उनका व्यक्तित्व बहुत शांत था, इसी कारण कॉलेज में उनका कभी किसी से झगड़ा नहीं हुआ। पुष्कर सिंह धामी के पिता का नाम स्वर्गीय शेर सिंह धामी था और वह एक पूर्व सेना अधिकारी थे। उनकी माता का नाम बिशना देवी है। सीएम धामी की पत्नी का नाम गीता धामी है और उनके दो बेटे हैं। इनके नाम क्रमशः दिवाकर और प्रभाकर हैं। वह वर्तमान में अपने परिवार के साथ खटीमा में रहते हैं। उनके जन्मदिन पर उन्हें खूब सारी दुआएं मिलती हैं।

ऐसे हुई राजनीति करियर की शुरुआत…

  • आरएसएस के संघ शिक्षा वर्ग प्रशिक्षित स्वयंसेवक बने
  • दो वर्ष लखनऊ विश्वविद्यालय से प्रांतीय स्तर तक दायित्वधारी कार्यकर्ता रहे
  • अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में 10 साल तक कार्य किया।
  • लगातार दो बार 2002 से 2008 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष रहे।
  • 2001 से 2002 तक उत्तराखंड मुख्यमंत्री विशेष कार्याधिकारी रहे।
  • 2010-2012 तक शहरी अनुश्रवण समिति, उत्तराखंड शासन उपाध्यक्ष रहे और राज्यमंत्री दर्जा मिला
  • 2012-2017 तक खटीमा विधायक रहे।
  • 2017-2022 तक खटीमा विधायक रहे
  • 2016 से 2021 तक उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रहे।
  • 4 जुलाई 2021 से 11 मार्च 2022 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे व 11 मार्च 2022 को इस्तीफा दे दिया।
  • 21 मार्च 2022 को बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायक दल के नेता चुने गए और दोबारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने।

 युवाओं को दिलाया हक

2002 से 2008 तक, पुष्कर सिंह धामी दो बार भाजपा के उत्तराखंड युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्हें यह मांग करने का भी श्रेय दिया जाता है कि राज्य सरकार राज्य के उद्योगों में स्थानीय युवाओं के लिए 70 प्रतिशत अवसर बहाल करे।

खटीमा से दो बार चुनाव लड़े

पुष्कर सिंह धामी उधम सिंह नगर की खटीमा सीट से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और जीत चुके हैं। 2012 में उन्हें पहली बार इस क्षेत्र से चुनाव के लिए नामांकित किया गया था। तब उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार देवेन्द्र चंद को 5,394 वोटों के अंतर से हराया था।

2017 का चुनाव था टक्कर का..

2017 के चुनाव में, पुष्कर सिंह धामी का अंतर सिर्फ 2,709 वोटों का था। चुनाव आयोग के अनुसार, पिछले विधानसभा चुनाव में पुष्कर ज़म्मी को 36.92 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के साथी कपूरी को 33.53 प्रतिशत वोट मिले थे।

राज्य को 10वां मुख्यमंत्री मिला

जब बीजेपी ने तकनीकी आधार पर तीरथ सिंह रावत को सीएम पद से हटा दिया, तो जुलाई 2021 में पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 45 साल की उम्र में वह उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने।

हारकर भी जीते धामी

खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हारने के बाद भी उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी का दबदबा रहा और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया और इसी के साथ उत्तराखंड में एक नया इतिहास जुड़ा। इसके बाद उन्होंने चंपावत स्क्वायर से चुनाव लड़ा और ऐतिहासिक अंतर से जीत हासिल की। हालाँकि, भाजपा ने उन पर भरोसा जताया और उन्होंने 21 मार्च, 2022 को उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने पूरे उत्तराखंड में अपनी अलग पहचान बना ली और देवभूमि के युवाओं के बीच लोकप्रियता बढ़ गई। केंद्रीय नेताओं की परिक्रमा के साथ ही दिल्ली दरबार में बाकायदा लॉबिंग शुरू हो गई थी, लेकिन कुर्सी के दावेदार बड़े-बड़े दिग्गजों को चित कर सीएम धामी मोदी-शाह की आंखों का तारा बनने में कामयाब रहे थे।

कभी कैबिनेट में नहीं रहे धामी

जब बीजेपी ने त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सीएम पद से हटाकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद सौंपा तो उसके बाद पुष्कर सिंह धामी को उपमुख्यमंत्री बनाने की भी चर्चा हुई। हालांकि तब उन्हें कोई पद नहीं मिला था। दिलचस्प बात ये है कि धामी कभी कैबिनेट में नहीं रहे। उन्होंने सीधे सीएम की कुर्सी को सुशोभित किया।

पत्नी गीता धामी का भी बेहद अहम रोल

पुष्कर सिंह धामी बेहद साधारण परिवार से आते हैं। उनकी पत्नी का नाम गीता धामी है। इनकी शादी 5 फरवरी 2011 को हुई थी। पुष्कर सिंह धामी और गीता धामी के दो बेटे हैं। उनके बड़े बेटे का नाम दिवाकर सिंह धामी है और छोटे बेटे का नाम प्रभाकर सिंह धामी है। जहां तक गीता धामी की बात है तो वे हमेशा से अपने पति पुष्कर सिंह धामी का सपोर्ट करती रही हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने खटीमा विधानसभा में प्रचार की कमान संभाली थी।

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