India News (इंडिया न्यूज़),Gyanvapi case Update वाराणसी : यूपी के वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में (Gyanvapi case Update) आज सोमवार को भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम का सर्वे का आज 44वां दिन है। जिला न्यायालय की ओर से 4 सप्ताह का समय मिलने के बाद टीम नई तैयारियों के साथ उतरी है।
सर्वे को पूरा करने के बाद अन्य पहलुओं पर भी जांच की जाएगी। वहीं, दूसरी तरफ तकनीकी विशेषज्ञ तहखाने के अंदर के साक्ष्य की जांच करेगे। जिला के जज ने 6 अक्तूबर तक सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट खोज की है।
शनिवार के दिन त्रिस्तरीय सुरक्षा के बीच टीम परिसर में ऐतिहासिक संभावनाएं तलाश करने टीम उतरी और दो दिन बाधाओं के बाद भी परिसर का सर्वे लगातार जारी है। अब तक टीम ने वजूस्थल को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे 330 घंटे तक पूरा कर चुकी है।
इस सर्वे में पटना, वाराणसी, दिल्ली, कानपुर और हैदराबाद की टीमें शामिल हैं। अभी तक ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सर्वे के लिए स्थानों का निर्धारण हो चुका है। भारतीय पुरातत्व विभाग मानकों पर सर्वे की अग्रिम कार्रवाई पूरी कर चुकी है। आगे की कार्रवाई समय मिलने के बाद आगे बढ़ाएगी।
जिला जज की अदालत ने ज्ञानवापी सर्वे व उसकी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सितंबर की तारिख तय की गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। दो सितंबर को ASI ने अदालत से ज्ञानवापी सर्वे को 56 दिन आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी थी।
5 तारीख सोमवार के दिन अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने दाखिल आपत्ति में कहा कि मलबा हटाने और एक जगह इकट्ठा करने से मस्जिद के गिरने का खतरा है। उस दिन वकीलों की हड़ताल होने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई थी।
ज्ञानवापी मामले को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसके नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है और भगवान विश्वेश्वर की नियमित पूजा के इंतजाम भी किए जाएं।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर चल रहा मामला यह है कि हिन्दू पक्ष की मांग है कि पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए और मुस्लिमों का प्रवेश ज्ञानवापी में बैन किया जाए। इसके साथ ही हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद के गुंबद को भी ध्वस्त किया जाए।
ज्ञानवापी मां श्रृंगार गौरी के मूल वाद में वाराणसी की जिला जज की अदालत में सुनवाई होगी। कोर्ट में वादिनी राखी सिंह की तरफ से ज्ञानवापी सुरक्षित व संरक्षित करने के आवेदन पर आज आदेश होना है। वही, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के उसे वाद पर आदेश होना है ।
जिसमें ज्ञानवापी में अधिवक्ता आयुक्त की सर्वे में मिले शिवलिंग जैसी आकृति के राग भोग व दर्शन पूजन का अधिकार माँगा गया है। इसके अलावा चार महिला वादिनी की तरफ से ज्ञानवापी में भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) के सर्वे में मिले रहे साक्ष्य को सुरक्षित करने के लिए डीएम को आदेशित किया जाने की आवेदन पर सुनवाई होनी है।
इस मामले में मुस्लिम और हिंदू पक्ष के वकील अपनी-अपनी दलीलें कोर्ट में पेश करेंगे। इस मामले की सुनवाई 12 सितंबर को होनी थी लेकिन वकीलों की हड़ताल के चलते तब सुनवाई नहीं हो सकी थी। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की अदालत ने मामले की ऑनलाइन सुनवाई की अनुमति दी थी लेकिन इस दौरान भी कोई वकील कोर्ट में पेश नहीं हुए।
इसके बाद चीफ जस्टिस ने 18 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख दे दी थी । बता दें कि मामले की पोषणीयता को लेकर वाराणसी की कोर्ट के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।