India News (इंडिया न्यूज़), Dehradun : उत्तराखंड से रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में नए मामले लगातार सामने आ रहे है। अब राजपुर रोड और राजेंद्रनगर कौलागढ़ की ज़मीन की रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ की गई है। इस मामले में सहायक महानिरीक्षक स्टांप संदीप श्रीवास्तव की शिकायत पर शहर कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इस संदर्भ में अब तक नौ मामले दर्ज किए गए है।
सभी रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रियों के रिकार्ड से छेड़छाड़ या उसका स्वामित्व बदलने के मामले में पहले 7 मुकदमे दर्ज कर 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई है। इस प्रकरण में अब तक 9 मामले दर्ज हो गए है।
पुलिस को दी गई जानकारी के अनुसार, पहला प्रकरण राजपुर रोड की संपत्ति से जूड़ा है। इस ज़मीन की रजिस्ट्री वर्ष 1979 में की गई। इंग्लैंड के लांग जान हिल नार्विक निवासी एनएन सिंह व उनकी पत्नी रक्षा सिंह की पावर आफ अटार्नी पर कांवली रोड निवासी प्रेम चंद्र ने संबंधित भूमि को बेचा गया।
इसे साल 1979 में रजिस्ट्री संख्या 4222 से 4224 के माध्यम से रामरतन शर्मा निवासी हिरनवाडा (मुजफ्फरनगर) को बेचना दिखाया गया है। इसमें एक काटेज व गैराज का निर्माण भी किया गया है। हालांकि, जांच में इन रजिस्ट्रियां को प्रथम दृष्टया संदिग्ध माना गया है। क्योंकि, इनसे पहले व बाद की रजिस्ट्रियों में बट प्रथम पृष्ठ पर चस्पा किए गए हैं, जबकि इन रजिस्ट्रियों में बट अंत में चस्पा पाए गए।
अन्य रजिस्ट्रियों की तरह इनमें मुहर भी अंकित नहीं मिली। इन रजिस्ट्रियों में स्याही का रंग भी उस दौरान की अन्य रजिस्ट्रियों की स्याही जैसा नहीं पाया गया। ऐसा माना गया है कि फर्जीवाड़े के लिए मूल रजिस्ट्री को गायब कर उनकी जगह फर्जी रजिस्ट्री सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम में रखवा दी गई।
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का दूसरा प्रकरण भी ऐसा ही पाया गया। राजेंद्र नगर, कौलागढ़ की 559 वर्ग गज जमीन को वर्ष 1989 में रजिस्ट्री संख्या 10491 के माध्यम से बेचा जाना दिखाया गया है। जिसे राजेंद्र नगर निवासी प्यारे लाल कौल ने बहेड़ी (बरेली) निवासी स्वर्ण सिंह को बेचा गया।
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अब तक कुल 10 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें पूर्व में गिरफ्तार किए गए संतोष अग्रवाल, दीपचंद अग्रवाल, रजिस्ट्रार कार्यालय का पूर्व कर्मचारी डालचंद, अजय सिंह क्षेत्री, विकास पांडे, अधिवक्ता इमरान अहमद, पीलीभीत का रहने वाला मक्खन सिंह, अधिवक्ता कमल विरमानी, विरमानी का पूर्व मुंशी रोहताश सिंह और सहारनपुर जेल से बी-वारंट पर लाए गए कुंवरपाल उर्फ केपी सिंह का नाम शामिल है।