India News (इंडिया न्यूज़), Varanasi News : खबर बनारस से है जहाँ, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) एक बार फिर से चर्चा का केंद्र बना हुआ है। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के बाउंसरो एवं डॉक्टरों से जुड़ा यह मामला सामने आया है, जब एक मरीज व उसके परिजनों के साथ बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में तैनात बाउंसरो द्वारा अशिष्ट व दुर्रव्यवहार किया जा रहा था।
इसी बीच बीएचयू के डॉक्टरों की चल रही हड़ताल का कवरेज करने पहुंचे स्थानीय पत्रकार ओमकार नाथ ने बाउंसरो द्वारा मरीज के परिजनों से किये जा रहे दुर्व्यवहार का विसुअल बनाते हुए उसका कारण पूछा तो वो आग बबूला हो गए और पत्रकार ओमकारनाथ पर हमला कर दिया और उनका मोबाईल फोन और गले में पड़ी सोने की चेन भी छीन ली।
यही नहीं बल्कि स्थानीय पत्रकार ओमकारनाथ को वहां तैनात बाउंसरो व कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा जबरन एक कमरे में ले जाकर उन्हें जमकर मारा पीटा गया जिससे उन्हें गम्भीर चोटे आयी हैं। हालांकि पत्रकार ओमकारनाथ, किसी तरह भाग कर बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर कार्यालय पहुंचे और अपनी जान बचाई।
स्थानीय पत्रकार ओमकारनाथ का कहना था कि मुझे बहुत ही बुरी तरह से मारा-पीटा गया जिसके कारण मैं गश खाकर गिर गया। उन्होंने बताया कि मुझे बेरहमी से मारा-पीटा गया जिसके कारण मुझे गम्भीर चोटें आईं हैं। पत्रकार ओमकारनाथ ने बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर और लंका थाना में दो नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी है।
जिसके बाद पीड़ित पत्रकार का मेडिकल मुआयना कराने के बाद स्थानीय लंका थाने में आरोपियों के विरुद्ध आईपीसी की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, और पुलिस द्वारा आरोपियों की तलाश की जारी है।
वहीं भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भी इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई है। एबीवीपी , बीएचयू ईकाई के अध्यक्ष व शोध छात्र अभय प्रताप सिंह ने भी इस घटना पर खासी नाराजगी जताते हुए कहा कि बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर में आये मरीजों और उनके तीमारदारों के साथ आये दिन ऐसी शर्मनाक घटना होती है।
लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर कोई भी संज्ञान नहीं लेता है। उनका कहना था कि बीएचयू में सुरक्षा में पहले से ही लगभग 2500 पूर्व सैनिक लगे हैं ऐसे में इन बाउंसरो की अस्पताल में क्या आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल या शिक्षण संस्थाओं जैसी जगहों पर बाउंसरो की क्या आवश्यकता है। उनका कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने के लिए इन गुंडा रूपी बाउंसरो को रखा है।
वहीं एबीवीपी, बीएचयू इकाई के मंत्री पुनीत मिश्रा ने कहा कि अभी तक तो ये बाउंसर विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ ही मरीज और उनके तीमारदारों के साथ ही दुर्व्यवहार करते थे लेकिन अब इनके द्वारा चौथे स्तंभ पर भी हमला किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत छात्रों के ऊपर फर्जी मुकदमे दर्ज कराया जाता था ।
लेकिन अब, जब मीडिया द्वारा इनके कृत्यों को दिखाने का प्रयास किया गया तो गुंडे रूपी बाउंसरो ने मीडियाकर्मी को बंधक बना लिया और उसको बुरी तरह से मारा पीटा गया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एबीवीपी इकाई के अध्यक्ष व मंत्री ने कहा कि बाउंसरो की आवश्यकता अस्पताल या शिक्षण संस्थानों में नहीं होती है लेकिन विश्विद्यालय प्रशासन इस मौन है।
आपको बता दें कि वाराणसी के बीएचयू में स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल हो या बीएचयू का ट्रामा सेंटर, यहां आए दिन मरीज और उनके साथ आये तीमारदारों के साथ यहां के चिकित्सकों और उनके द्वारा रखे गए बाउंसरो द्वारा अक्सर मारपीट की घटना होती रहती है। इन्ही सब को लेकर वाराणसी के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा वहां फैली अराजकता के खिलाफ लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। बीएचयू के ट्रामा सेंटर में हुए भ्रष्टाचार पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी संज्ञान लिया है, और जांच करा कर दोषी पाए जाने पर सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
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