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Women Reservation Bill: कांग्रेस का महिला आरक्षण बिल पर सदन में सरकार का साथ और बाहर संग्राम, जानें सरकार पर हमला बोलते हुए क्या कहा?

• LAST UPDATED : September 25, 2023

India News (इंडिया न्यूज),Martand Singh,Lucknow, Women Reservation Bill: केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए महिला आरक्षण विधेयक को पहले लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों  से पारित किया गया। इस बिल का विपक्ष की सभी पार्टियों ने भी अपनी सहमति प्रदान की लेकिन विधेयक के कुछ प्रावधानों पर अब कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। इसी के विरोध के क्रम में कांग्रेस ने देश के 21 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

इसमें कांग्रेस की 21 महिला नेता महिला आरक्षण के मुद्दे पर मोदी सरकार को बेनकाब करने की रणनीति के तहत प्रेस वार्ता की। लखनऊ में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि मातृ शक्ति वंदन अधिनियम ऐसा लगता है जैसे बस थाली सजाकर पेश कर दिया गया।

भाजपा ने सहमति नहीं बनाई- सुप्रिया श्रीनेत

सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इसको तत्काल लागू करने पर भाजपा ने सहमति नहीं बनाई। उन्होंने कहा कि लखनऊ के लोग ठग्गू के लड्डू को जानते हैं और बीजेपी की भी यही टैग लाइन है की ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नही।

भाजपा अगर यह महिला आरक्षण लागू करना चाहती है तो इसे तत्काल लागू करते लेकिन ऐसा नहीं हुआ। महिला आरक्षण बिल का लाभ लेने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। भारत के गृहमंत्री अमित शाह वर्ष 2029 में लागु करने की बात कह रहे हैं लेकिन बाकि सांसदों ने मुताबिक वर्ष 2039 तक यह लागु होगा।

अडानी का घोटाला पर क्या बोली सुप्रिया श्रीनेत?

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि अडानी का घोटाला जब सामने आता है तो उसे दबाने के लिए बीजेपी कोई न कोई शिगूफा छोड़ देती है। घोटाले को दबाने के लिए ही इण्डिया नाम बदलने पर चर्चा हुई। जब उससे काम नहीं बना तो महिला आरक्षण बिल लेकर आये हैं, जिसके लिए महिलाओं को और इंतजार करना होगा। इस बिल में अनुसूचित जनजाति जनगणना की जरूरत है।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जब महिला आरक्षण बिल ला रहे थे तो सात लोगों ने इसका विरोध किया, जिसमे बीजेपी के सांसद भी थे लेकिन  हमने महिलाओं के हक में बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की महिला सांसद जब हाथरस कांड होता है तो चुप रहती हैं, चिन्मयानंद के मामले में चुप रहती हैं, मणिपुर मामले पर चुप रहती हैं, इनकी चुप्पी अंकिता भंडारी के मामले में भी नही टूटती है। इससे लगता है कि बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है।

इस कारण जाति जनगणना जरूरी?

वहीं जातिगत जनगणना पर सरकार को घेरते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इस देश के सर्वोच्च पद पर बैठे 90 आईएएस अधिकारियों में सिर्फ 3 अनुसूचित जनजाति के हैं। इसलिए जाति जनगणना जरूरी है। वही इंडिया गठबंधन के दलों के बीच खास तौर पर उत्तर प्रदेश में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर चर्चा की जाएगी।

गठबंधन की बैठक में इस पर चर्चा होगी। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने प्रियंका गाँधी के लोकसभा चुनाव लड़ने के मामले पर कहा कि जब प्रियंका जी बताएंगी तो सबको जानकारी दी जाएगी। कांग्रेस की रणनीति साझा की जाएगी।

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