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महिला डॉक्टर नहीं थी तो नहीं हुआ 70 रेप पीड़िताओं का मेडिकल, जानिए क्या है पूरा मामला

• LAST UPDATED : October 7, 2023

India News (इंडिया न्यूज़),Pilibhit News: पीलीभीत में 70 रेप पीड़ितोंओ ने मेडिकल कराने से इसलिए इनकार कर दिया कि उनका मेडिकल कोई महिला डॉक्टर नहीं बल्कि जेंट्स डॉक्टर कर रहा था। क्योंकि जिला महिला अस्पताल में कोई महिला विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है। मात्र एक पुरुष डॉक्टर ही अस्पताल में तैनात है। जो ओपीडी ऑपरेशन व मेडिकल जांच कर रहा है। ऐसे में दुष्कर्म का मुकदमा ट्रायल पर आने पर आरोपी को फायदा मिल सकता है।

महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है खामियाजा

पीलीभीत में मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा है। इसके साथ ही एक बड़ा जिला महिला अस्पताल भी है लेकिन इस महिला अस्पताल को एक अदद महिला डॉक्टर मयस्सर नहीं हो पा रही है। जिसका खामियाजा अब दुष्कर्म पीड़िताओं को भी भुगतना पड़ रहा है। दरअसल मई 2023 में डॉक्टर कमला रिटायर हो गई। उसके बाद इस महिला अस्पताल में केवल एक महिला विशेषज्ञ(गायनोलॉजिस्ट) डॉक्टर केके भट्ट रह गए हैं जो पुरुष है।

आरोपियों को फायदा मिलना तय

वही इस पूरे अस्पताल का संचालन कर रहे हैं। ऐसे में जनपद के थानों में दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज होने के बाद रेप पीड़िताओं का मेडिकल कराया जाता है लेकिन 1 जून 2023 से 28 सितंबर तक 79 दुष्कर्म पीड़िताओं को थानों की पुलिस महिला अस्पताल लेकर आई। जिसमें पांच पॉक्सो के भी मामले थे। क्योंकि मेडिकल जांच डॉक्टर केके भट्ट को करना थी। इसलिए 70 पीड़िताओं ने पुरुष डॉक्टर से जांच कराने से इनकार कर दिया। अब आप समझ सकते हैं कि जब अदालत में मेडिकल रिपोर्ट ही नहीं पहुंचेगी तो मुकदमा कितना मजबूत होगा। यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है और इसका फायदा आरोपी को मिलना तय माना जा रहा है। क्योंकि रेप का कोई चश्मदीद गवाह नहीं होता सबसे मजबूत साक्ष्य रेप पीड़िता का बयान व डॉक्टर की जांच रिपोर्ट होती है। जिसमें रेप की पुष्टि होती है।

दुष्कर्म पीड़िताएं मेडिकल से लगातार कर रही इनकार

सीएमएस की माने तो उन्होंने कई बार शासन को महिला चिकित्सक के लिए पत्र लिखा साथ ही उनकी जानकारी में भी है कि दुष्कर्म पीड़िताएं मेडिकल से लगातार इनकार कर रही हैं। और उन्होंने इस समस्या को अपने उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है की मेडिकल ना होने से पीड़ीताओं का पक्ष कमजोर हो रहा है। साथ ही सीएमएस डॉक्टर संजीव सक्सेना का कहना है की डॉक्टर तो डॉक्टर होता है लोगों को महिला पुरुष के नजरिया से नहीं देखना चाहिए। फिलहाल शासन कब तक पीलीभीत को महिला चिकित्सक उपलब्ध कराता है ये आने वाला समय बताएगा लेकिन कुल मिलाकर महिला चिकित्सक का ना होना अब पीड़िताओं के पक्ष को कमजोर कर रहा है।

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