India News (इंडिया न्यूज़),Nainital High Court: उत्तराखंड में सभी निकायों का कार्यकाल 2 दिसंबर को पूरा होने जा रहा है लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग का ध्यान निकाय चुनाव से ज्यादा लोकसभा चुनावों पर है। यही कारण है कि नैनीताल हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार दोनों को फटकार लगाई है।
शपथ पत्र के माध्यम से देना होगा जवाब
हाई कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग से पूछा है कि अब तक निकाय चुनाव का कार्यक्रम घोषित क्यों नहीं किया गया। साथ ही राज्य सरकार से कोर्ट ने यह भी पूछा है कि निकाय चावन को लेकर सरकार की क्या तैयारी है। जयपुर निवासी अनीश की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन संगी और न्यायाधीश राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सरकार और आयोग दोनों से शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए एक नवंबर की तारीख तय की गई है। जिससे पहले सरकार और आयोग दोनों को अपना शपथ पत्र दाखिल करना है।
वोटर लिस्ट का किया जाना है निर्माण
राज्य निर्वाचन आयोग निकाय चुनाव के लिए अभी तक कार्यक्रम इसलिए भी घोषित नहीं कर पाया क्योंकि अब तक प्रदेश में कई निकाय ऐसे हैं जहां परिसीमन होना है। जबकि ओबीसी वर्ग की आरक्षण सूची भी तैयार की जानी है। साथ ही जिन वार्डों का परिसीमन होना है। उनमें वोटर लिस्ट भी बनाई जानी है।
राज्य सरकार की गंभीरता पर उठाए सवाल
अगले साल लोकसभा चुनाव भी होने हैं। शायद यही वजह है कि सरकार निकाय चुनाव को लेकर तैयार नहीं है। विपक्ष ने इस मामले में राज्य सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाए हैं। उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने ने कहा है कि सरकार निकाय चुनाव को लेकर गंभीर नहीं है इसीलिए निकाय चावन के लिए राज्य सरकार की तैयारी अधूरी हैं जिस वजह से निकाय चुनाव में देरी हो रही है।
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