India News(इंडिया न्यूज़),Lucknow Police Solved The Case In A Jiffy: यूपी के लखनऊ में पुलिस ने डकैती का केस कुछ इस तरह सुलझाया जिसे देख हर कोई दंग रह गया। इस केस में पुलिस के पास सबूत के तौर पर थी तो सिर्फ एक परछाई, और इसी परछाई की मदद से पूरी गुत्थी सुलझा ली। दरअसल, लखनऊ में बदमाशों ने डकैती के दौरान पूरी चालाकी दिखाई और पकड़े जाने से बचने के लिए हर हथकंडे अपनाए। हालांकि, उन्हें क्या पता था कि यह साया उन्हें जेल पहुंचा देगा।
याद दिला दें कि 7 सितंबर को अपराधियों के एक समूह ने एक बिल्डर के घर में डकैती की थी और 400 ग्राम चांदी और 20 लाख रुपये चुरा लिए थे। इसके बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस ने 100 से ज्यादा रिकॉर्डिंग इकट्ठा कीं। कार को कई वीडियो में देखा जा सकता है, लेकिन लाइसेंस प्लेट दिखाई नहीं दे रही है। पुलिस ने पानी में लाइसेंस प्लेट की झलक देखी। कार की लाइसेंस प्लेट के केवल अंतिम दो अंक “15” और “यूपी 32” ही दिखाई दे रहे थे। पूरी संख्या निर्धारित नहीं की जा सकी।
इसके बाद एडीजी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने अपने गणितीय कौशल का इस्तेमाल किया और आरटीओ से संपर्क किया। लखनऊ में पंजीकृत सभी वाहनों की सूची तैयार कर ली गई है। इनमें से, “15” नंबर से समाप्त होने वाली कारों का चयन किया गया, और जो सफेद थीं, उनका आगे निरीक्षण किया गया। कुल 1,300 कारों का प्रदर्शन किया गया। गहन निरीक्षण के बाद आखिरकार कार की पूरी नंबर पहचान लिया गया।
मामले पर पूरी जानकारी देते हुए एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने कहा, “हमने फॉर्मूला बदलने के संयोजन का उपयोग किया है। इस फॉर्मूले के बिना हम अपराधियों को नहीं पकड़ सकते। क्योंकि लाइसेंस प्लेट दिखाई नहीं दे रही थी। जब मैंने ज़ूम इन किया, तो आप पिक्सेल करें।” विस्फोट हो गया। इस बीच, एक बहुत ही सूक्ष्म सुराग सामने आया: डामर सड़क पर गाड़ी चलाते समय यह वाहन कुछ सेकंड के लिए एक स्थान पर रुक गया था, लेकिन क्षेत्र में निगरानी कैमरों ने केवल वाहन के सामने का भाग दिखाया।
UP Politics: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का विपक्ष पर वार, अखिलेश यादव को लेकर कही ये बात
देवरिया हत्याकांड के मृतकों को अखिलेश यादव ने दी श्रद्धांजलि, घर के अंदर का मंजर देख दंग रह गए नेता