India News(इंडिया न्यूज), IAS Coaching: सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण के दायरे में कुछ दिशानिर्देश तय किए हैं। जिसके बाद IAS कोचिंग सेंटरों की लूट पर रोक लगने वाली है। बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के इस सपने की आड़ में ‘लूट’ का बाजार चल रहा है लेकिन अब सरकार रोक लगाने के लिए काम करने शुरू कर दिया है।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने मंगलवार को आईएएस कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में मसौदा दिशानिर्देश जारी किए। सरकार की ओर से यह कदम हाल ही में देश के 31 कोचिंग संस्थानों को नोटिस भेजने के बाद उठाया गया है। सरकार ने जिन कोचिंग संस्थानों को नोटिस भेजा था, उनमें अनएकेडमी, बायजूस आईएएस, वाजीराव एंड रेड्डी के साथ-साथ डॉ. विकास कुमार दिव्यकीर्ति का ‘दृष्टि आईएएस’ भी शामिल है।
सीसीपीए दिशानिर्देशों के अनुसार, आईएएस कोचिंग सेंटर परीक्षा में सफलता दर के बारे में गलत दावे नहीं कर सकते। उनसे 100 प्रतिशत चयन जैसे दावों से बचने को कहा गया है। इतना ही नहीं, कोचिंग संस्थानों को अब अपने यहां से चुने गए छात्रों की संख्या को लेकर ‘झूठे’ दावे करने से भी बचना होगा। उनसे छात्रों (ग्राहकों) को गुमराह करने वाली किसी भी व्यावसायिक प्रथा से बचने के लिए कहा गया है।
सीसीपीए ने अपने दिशानिर्देशों में आईएएस कोचिंग के लिए विज्ञापन जारी करने से पहले ‘क्या किया जाना चाहिए’ और ‘क्या नहीं किया जाना चाहिए’ की एक सूची भी जारी की है। अब से कोचिंग संस्थान यदि अपने यहां से चुने गए किसी छात्र को विज्ञापन में जगह देंगे। तो उन्हें अपना नाम, फोटो, अपनी रैंक, उसके द्वारा चुने गए कोर्स की जानकारी, कोर्स की अवधि बतानी होगी। यह भी बताया जाना चाहिए कि क्या उसने जो कोचिंग कोर्स लिया उसके लिए पैसे दिए या वह ‘मुफ्त’ कोर्स था।
इतना ही नहीं, यदि कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापन में ‘डिस्क्लेमर’ लगाते हैं तो उसका फ़ॉन्ट आकार और विज्ञापन में प्रयुक्त भाषा का फ़ॉन्ट आकार एक समान होना चाहिए। विज्ञापन में अस्वीकरण इस प्रकार रखा जाना चाहिए कि वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।
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