India News (इंडिया न्यूज़) Gyanvapi Case Update : ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanvapi Case Update) में गुरुवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए हिन्दू पक्ष ने एक बड़ा हिन्दू मंदिर होने का दावा किया है। इस सर्वे के बाद अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से एएसआई ने सर्वे रिपोर्ट पर सवाल खड़ा किया है।
अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने कहा है कि एएसआई ने अपनी साख के मुताबिक रिपोर्ट दी है। यह एक रिपोर्ट है कोई निर्णय नहीं। रिपोर्ट में लगभग 839 पृष्ठ हैं। इसके अध्ययन विश्लेषण में समय लगेगा और विशेषज्ञों से सलाह ली जायेगी। विचारार्थ न्यायालय में ले जाया जाएगा।
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इस मस्जिद का निर्माण 804-42 हिजरी के दौरान जौनपुर के एक रईस मुक्ताकी ने कराया था, यानी सम्राट अकबर से करीब 150 साल पहले से यहां मुसलमान नमाज पढ़ते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंशाअल्लाह भविष्य में भी मुसलमान इसी तरह नमाज अदा करते रहेंगे, ईश्वर ने चाहा तो। हमारी जिम्मेदारी मस्जिद को कब्जे में रखना है।’
समिति ने कहा कि निराशा वर्जित है और धैर्य रखना होगा। दुआओं का ख्याल रखना होगा क्योंकि हमारे देश में कुछ लोग ऐसे हैं जो मुसलमानों और मुसलमानों के किसी भी अधिकार को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। इंशाअल्लाह इस पर हमारी एकता कायम रहेगी।’ हमारी अपील है कि वाद-विवाद से बचना चाहिए और शांति बनाए रखते हुए ऐसी साजिशों को नाकाम करना चाहिए।
हाल ही में अदालत को सौंपी गई रिपोर्ट गुरुवार को दोनों पक्षों को उपलब्ध कराई गई। अदालतों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने एक संवाददाता सम्मेलन में सर्वेक्षण रिपोर्ट के अंश पढ़े। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि वहां पहले एक बड़ा हिंदू मंदिर ढांचा मौजूद था।
जैन ने कहा कि एएसआई के निष्कर्षों से पता चलता है कि मस्जिद में संशोधन किए गए थे, मामूली बदलावों के साथ खंभों और प्लास्टर का पुन: उपयोग किया गया था। नई संरचना में उपयोग के लिए हिंदू मंदिर के कुछ स्तंभों को थोड़ा संशोधित किया गया था। खंभों पर की गई नक्काशी को मिटाने की कोशिश की गई। उन्होंने यह भी कहा कि एएसआई को कथित प्राचीन मंदिर में देवनागरी, तेलुगु और अन्य भाषा लिपियों में लगभग तीन दर्जन शिलालेख भी मिले हैं।
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