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STF ने मास्टरमाइंड सहित 12 लोग को दबोचा, सॉल्वर गैंग पुलिस भर्ती परीक्षा में था एक्टिव

• LAST UPDATED : February 9, 2024

India News (इंडिया न्यूज़), UP Police Computer Operator Exam : यूपी पुलिस STF की टीम ने पुलिस कंप्यूटर ऑपरेटर की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा (UP Police Computer Operator Exam) में सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश किया है। STF ने गैंग के मास्टरमाइंड सहित कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है और इसके तार उत्तर प्रदेश से हरियाणा तक जुड़े पाए गए हैं।

दरअसल, यूपी पुलिस में कंप्यूटर ऑपरेटर की भर्ती परीक्षा चल रही है। इस परीक्षा में सिस्टम को हैक कर सॉल्वर बैठाकर परीक्षा कराने वाले गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। STF जांच की गई तो पता चला कि बड़ौत के आवास विकास कॉलोनी स्थित अनिल कुमार के मकान में कुछ लोग किराये पर कमरा लेकर सिस्टम को हैक कर कंप्यूटर ऑपरेटर की ऑनलाइन परीक्षा का पेपर सॉल्व कर रहे थे। उम्मीदवारों से भारी मात्रा में पैसा। एसटीएफ की टीम ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

STF ने मास्टरमाइंड सहित 12 लोग को गिरफ्तार किया

बता दें कि मेरठ की एसटीएफ टीम ने आरोपियों के पास से तीन लैपटॉप, डेस्कटॉप कंप्यूटर, आठ मोबाइल फोन, स्क्रीनशॉट और आठ एडमिट कार्ड बरामद किए हैं। इस मामले में STF ने मास्टरमाइंड सहित 12 लोग को गिरफ्तार किया है।

मास्टरमाइंड परीक्षा केंद्र बनवाक हैकिंग करवा रहा था

सॉल्वर गैंग का मास्टरमाइंड रचित चौधरी गाजियाबाद में परीक्षा को हैकिंग करवा रहा था। उसने विधान पब्लिक स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाया हुआ था। रचित चौधरी ने स्कूल की लैब को फर्जी तरीके से परीक्षा कराने के लिए सेंटर अलॉट करा रखा था। लैब में 250 कंप्यूटर सिस्टम की लैब तैयार थी। मास्टरमाइंड रचित चौधरी से पूछताछ के बाद विधान पब्लिक स्कूल से 7 अभ्यर्थी और कंप्यूटर लैब असिस्टेंट रजनीश कुमार और अश्विनी कुमार को किया गिरफ्तार गया है।

इसमें हरियाणा के पलवल का हैकर राम चौहान ने रचित चौधरी के कहने पर लैब में सॉफ्टवेयर डालकर स्क्रीन शेयरिंग, पाइथॉन लांचर, एनीडेस्क और नोड जेएस से रिमोट एक्सेस लिया था। मास्टर सिस्टम को लैब में मौजूद अपने सहयोगियों की मदद से अलग रखा गया। वहीं, एक अभ्यर्थी से चार से पांच लाख रुपये लेने की बात तय हुई थी।

एग्जाम सेंटर पर मौजूद अभ्यर्थी के सिस्टम का पूरा एक्सेस इनके पास पहुंच जाता था। ये प्रश्न-पत्र अपने सिस्टम से हल करते थे। अभ्यर्थियों को परीक्षा के दौरान केवल अपना माउस चलाते रहने की निर्देश दिए गए थे। हैकर राम चौहान एक अभ्यर्थी की स्क्रीन शेयर करने के लिए 50 हजार रुपये लेता था।

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