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Kisan Andolan Reason: क्या हैं किसानों की मांगें? जानें पूरा किसान आंदोलन

• LAST UPDATED : February 12, 2024

India News (इंडिया न्यूज़) Kisan Andolan Reason : एक बार फिर किसान आंदोलन शुरू हो गया है तो आपके मन में यह सवाल जरुर होगा की किसान दोबारा यह आंदोलन क्यों कर रहें है ? साथ ही इनकी मांग क्या है ? इस लेख में हम आपको बताएंगे की क्या है पूरा मामला ? आखिर क्यों इनको सड़को पर पड़ा है।

क्या है पूरा मामला

इसको हम किसान आंदोलन (Kisan Andolan Reason) 2.0 बोल सकते है। फिलहाल आपको बता दे, किसान पंजाब (Punjab) से दिल्ली कूच (Delhi Tractor Rally) के लिए रवाना हुए हैं। ये सभी अमृतसर दिल्ली-नेशनल हाईवे के जरिये हरियाणा में घुसने का प्लान बना रहे है। यही वजह है कि अंबाला में शभुं बॉर्डर (Ambala Shambu Border) पर कड़ी सुरक्षा की गई है। पूरा बॉर्डर सील कर दिया गया है।

कुल 12 मुख्य मांगें

इस आंदोलन में किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर है। जिसमे कुल 12 मुख्य मांगें हैं। 13 फरवरी को किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है। उससे पहले इन्हीं मांगों को लेकर सोमवार शाम को चंडीगढ़ में सेक्टर 26 में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा की किसान नेताओं के साथ मीटिंग होंगी।

क्रमशः है मांग

  1. मजदूरों और किसानों के लिए संपूर्ण कर्जमाफी योजना लागू हो।
  2. सरकार सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी पर भी कानून बनाए।
  3. नकली बीज, कीटनाशक और उर्वरक बनाने वाली कंपनियों पर सख्त जुर्माना और बीज की गुणवत्ता में सुधार।
  4. मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन।
  5. किसानों एवं खेतिहर मजदूरों को पेंशन प्रदान करना।
  6. दिल्ली आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी।
  7. कंपनियों को आदिवासियों की जमीन लूटने से रोककर जल, जंगल और जमीन पर मूलवासियों का अधिकार सुनिश्चित करना।
  8. भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को पूरे देश में दोबारा लागू करें, किसानों से लिखित सहमति सुनिश्चित करें और कलेक्टर दर से चार गुना मुआवजा दें।
  9. लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषियों को सजा और प्रभावित किसानों को न्याय मिले।
  10. विश्व व्यापार संगठन से बाहर निकलें और सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर प्रतिबंध लगाएं।
  11. सरकार को बिजली संशोधन बिल 2020 को रद्द करना चाहिए.
  12. इसे खेती से जोड़कर प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार और मनरेगा के तहत 700 रुपये दैनिक मजदूरी दी जाएगी।

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