Friday, July 5, 2024
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अमित शाह का ऐलान, लोकसभा चुनाव से पहले लागू होगा CAA, जानें इससे क्या कुछ बदलेगा

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India News(इंडिया न्यूज़), CAA : लोकसभा चुनाव 2024 को करीब आते देख भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कमर कस ली है। राम मंदिर के बाद अब BJP नागरिकता संशोधन अधिनियम यानि CAA को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश में है। बता दें, आज ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसको लेकर बड़ा ऐलान किया है कि लोकसभा चुनाव से पहले CAA को देश में लागू कर दिया जाएगा।

क्या है सीएए ?

CAA का फुल फॉर्म नागरिकता संशोधन अधिनियम है। नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (Citizenship Amendment Act) एक ऐसा कानून है, जिसके तहत दिसंबर 2014 से पहले 3 पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले 6 धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को सिटीजनशिप दी जाएगी।

मुसलमान क्यों करे CAA का विरोध!

CAA का विरोध सबसे ज्यादा मुसलमान ने शुरू किया। दरअसल, इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए मुसलमानों को नागरिकता देने से बाहर रखा गया है। ऐसे में मुस्लिम पक्ष का मानना है कि इस कानून से मुसलमानों से भेदभाव हो रहा है और ये भारत में समानता की संवैधानिक गारंटी का उल्लंघन करता है। साथ ही, उन्हें यह भी डर है कि इससे कुछ क्षेत्रों, विशेषकर पूर्वोत्तर में और अधिक प्रवासन और जनसांख्यिकीय बदलाव हो सकते हैं।

वहीं, सीएए पर सरकार का यह मानना है कि CAA केवल मुस्लिम-बहुल देशों के सताए हुए अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता प्रदान करता है, जहां धार्मिक उत्पीड़न की संभावना ज्यादा है। भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता को इस कानून से कोई खतरा नहीं है। सरकार का यह भी कहना है कि इन देशों में हिंदुओं से भेदभाव होता है न कि मुस्लिमों से, इसलिए इसमें मुस्लिमों को बाहर की श्रेणी में रखा गया है।

संवैधानिक है CAA?

भारतीय संसद में CAA को वर्ष 2019 में 11 दिसंबर को पारित किया गया था, जिसमें 125 वोट इसके पक्ष में पड़े थे। वहीँ, 105 वोट इसके खिलाफ थे। इसके बाद राष्ट्रपति ने इस विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी दे दी थी।

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