India News (इंडिया न्यूज़) ISRO Mission 2024 : साल 2023 भारतीय वैज्ञानिकों के लिए बहुत अच्छा रहा। इस साल 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग और सौर मिशन के सफल प्रक्षेपण हुआ। साल 2024 ( ISRO Mission 2024) का पहला दिन भारतीय वैज्ञानिकों के लिए बहुत खास होने वाला है। इस दिन भारतीय वैज्ञानिकों इतिहास रच सकते है।
अब नए साल का पहला दिन यानी 1 जनवरी 2024 इसरो के लिए बेहद खास होने वाला है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) साल के पहले दिन दुनिया का दूसरा और देश का पहला ऐसा उपग्रह लॉन्च करने जा रहा है, जो पल्सर, ब्लैक होल, आकाशगंगाओं, विकिरण आदि का अध्ययन करेगा। इसका नाम एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट है।
इस उपग्रह का जीवन काल पांच वर्ष है। इस टेस्ट की गिनती आज सुबह 8:10 बजे शुरू हो गई है । कल सुबह 9:10 बजे PSLV-C58 को लॉन्च किया जाएगा । इसरो वैज्ञानिकों ने 1 जनवरी को PSLV-C58 एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) मिशन और 10 अन्य पेलोड के लॉन्च से पहले, तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर का दर्शन किया।
यह सैटेलाइट अंतरिक्ष में होने वाले रेडिएशन का अध्ययन करेगा। उनके स्रोतों की तस्वीरें लेंगे। इसमें लगा टेलीस्कोप रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा बनाया गया है। यह उपग्रह ब्रह्मांड के 50 सबसे चमकीले स्रोतों का अध्ययन करेगा। जैसे- पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बाइनरी, एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियर, नॉन-थर्मल सुपरनोवा। उपग्रह को 650 किमी की ऊंचाई पर तैनात किया जाएगा। इस उपग्रह में दो पेलोड हैं। जिसमे पहला- POLIX और दूसरा- XSPECT है।
पोलिक्स इस उपग्रह का मुख्य पेलोड है। इसे रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट और यूआर राव सैटेलाइट सेंटर ने मिलकर बनाया है। 126 किलोग्राम का यह उपकरण अंतरिक्ष में स्रोतों के चुंबकीय क्षेत्र, विकिरण, इलेक्ट्रॉन आदि का अध्ययन करेगा। यह 8-30 केवी रेंज में ऊर्जा बैंड का अध्ययन करेगा। पोलिक्स अंतरिक्ष की 50 सबसे चमकीली वस्तुओं में से 40 का अध्ययन करेगा।
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