India News (इंडिया न्यूज़),Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल आज लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पेश किया। बिल को सदन में पारित कराने के लिए कल 20 सितंबर को चर्चा होगी। वहीं बिल को राज्यसभा में 21 सितंबर को पेश किया जाएगा। इसे लेकर तमाम कदावर नेता बयानबाजी कर रहें हैं। इसी बीच महिला आरक्षण बिल को लेकर बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य ने अपना समर्थन जताया है।
पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहीं ये बात
महिला आरक्षण बिल पर बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्यने कहा कि, ”हमारे पीएम ने आज ही नहीं, बल्कि लगातार महिलाओं की चिंता की है। इसे पास करके हम अपने पीएम का आभार व्यक्त करना चाहते हैं।” इस बिल से वह महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने का मौका देंगे। ऐसी कई महिलाएं हैं जो राजनीति में आना चाहती हैं, लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं आ पाती हैं। 33% आरक्षण मिलने के बाद दलित, एससी, एसटी और आदिवासी महिलाएं राजनीति में आने का मौका मिलेगा।”
#WATCH | On the Women's Reservation bill, BJP National Vice-President Baby Rani Maurya says, "…Our PM has not just today, but has continuously worried about women…We would like to extend our gratitude to our PM. By passing this bill he will give women the chance to accomplish… pic.twitter.com/SXG5SHX09D
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 19, 2023
क्या है महिला आरक्षण बिल?
- महिला आरक्षण बिल(Women Reservation Bill) लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत कोटा आरक्षित करने का प्रावधान करता है।
- ये अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से एक तिहाई सीटें उन समूहों की महिलाओं के लिए आरक्षित करेंगा। इन आरक्षित सीटों को राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में रोटेशन द्वारा आवंटित किया जा सकता है।
- इस मुद्दे पर आखिरी ठोस घटनाक्रम 2010 में हुआ था जब राज्यसभा ने इस विधेयक को पारित कर दिया था और मार्शलों ने कुछ सांसदों को बाहर निकाला था। जिन्होंने इस कदम का विरोध किया था लेकिन यह विधेयक रद्द हो गया क्योंकि यह लोकसभा में पारित नहीं हो सका।
- वर्तमान लोकसभा में, 78 महिला सदस्य चुनी गईं, जो 543 की कुल संख्या का 15 प्रतिशत से भी कम है। सरकार द्वारा संसद के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगभग 14 प्रतिशत है।
- आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना,त्रिपुरा, पुडुचेरी सहित कई राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से कम है।
- दिसंबर 2022 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बिहार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 10-12 प्रतिशत महिला विधायक थीं। छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड 14.44 प्रतिशत, 13.7 प्रतिशत और के साथ चार्ट में सबसे आगे हैं। क्रमश: 12.35 प्रतिशत महिला विधायक।