UP Board Exams
इंडिया न्यूज, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)। यूपी बोर्ड ने पहली बार फैसला किया है कि जिन स्कूलों में प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान सामूहिक या संगठित नकल की सूचना मिली थी, वे यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्रों की सूची में शामिल नहीं होंगे। इसके लिए बोर्ड ने स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) से उन स्कूलों की सूची मांगी है, जहां प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान सामूहिक या संगठित नकल की सूचना मिली थी, जिसने इन मामलों को दर्ज किया था और जांच की थी।
140 स्कूलों की मिल चुकी है सूची
सूत्रों ने कहा कि बोर्ड को पहले ही राज्य भर में लगभग 140 ऐसे स्कूलों की सूची मिल चुकी है। ये स्कूल अगले साल (2023) आयोजित होने वाली कक्षा 10 वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षाओं में परीक्षा केंद्र नहीं होंगे। सूत्रों के अनुसार अब तक बोर्ड केवल उन केंद्रों को प्रतिबंधित करता था जो 10वीं-12वीं की परीक्षाओं में कदाचार में शामिल थे। लेकिन, 2023 में पहली बार उन स्कूलों को बाहर रखने का निर्णय लिया गया है, जहां प्रतियोगी और साथ ही बोर्ड परीक्षाओं में कदाचार आयोजित किए गए थे। एसटीएफ ने करीब 140 परीक्षा केंद्रों की सूची तैयार की है, जहां प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान अनियमितताएं पाई गई थीं। इनमें से कुछ संस्थान प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, जौनपुर और कानपुर में हैं।
केंद्र निर्धारण की चल रही प्रक्रिया
मिली जानकारी अनुसार चूंकि बोर्ड स्वतंत्र और निष्पक्ष परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए बोर्ड कोई जोखिम नहीं उठा रहा है। जो स्कूल निष्पक्ष रूप से प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने में विफल रहे हैं और एसटीएफ द्वारा नामित किए गए हैं, उन्हें रोक दिया जाएगा और उन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। इस मामले पर यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा, प्रयागराज में लगभग 10 सहित लगभग 140 ऐसे स्कूल हैं। सूत्रों के मुताबिक परीक्षा समिति की बैठक के बाद इस महीने ही प्रतिबंधित स्कूलों की सूची जारी कर दी जाएगी। इस बीच, 2023 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है। संभावित केंद्रों की सूची जारी करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक 14 दिसंबर तक छात्रों, अभिभावकों और प्रधानाचार्य या प्रबंधक से ऑनलाइन आपत्तियां लेंगे और 20 दिसंबर तक उनका निस्तारण करेंगे। अंतिम सूची 7 जनवरी तक बोर्ड की वेबसाइट पर जारी की जाएगी।