Kanpur Dehat
इंडिया न्यूज, कानपुर देहात (Uttar Pradesh): उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में रनियां थाने की पुलिस के पिटाई से सर्राफ चंद्रभान सिंह के व्यापारी भतीजे बलवंत सिंह की मौत हो गई थी। जिसमें एसपी देहात ने दो थाना प्रभारी, एसओजी प्रभारी समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। घटना की जांच एसआइटी कर रही है। मामले में एडीजी ने कहा कि सभी निलंबित 11 पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी करके जेल भेजा जाएगा। आरोपित पुलिसकर्मियों की धर पकड़ के लिए तीन पुलिस टीमों को लगाया गया है। जो संभावित स्थानों पर दबिश दे रही हैं।
पिटाई से हुई थी बलवंत की मौत
सरैया लालपुर निवासी सर्राफ चंद्रभान सिंह की बीते 6 दिसंबर को बाइक सवार बदमाशों ने 4 लाख की नकदी लूट ली थी। वारदात के राजफाश के लिए शिवली पुलिस के साथ एसओजी को लगाया गया था। सोमवार को पुलिस चंद्रभान के भतीजे बलवंत सिंह को रनियां थाने पूछताछ के लिए लाई थी। जहां पुलिस ने मानवाधिकार को ताक पर रखकर बलवंत की बर्बरता से पिटाई की थी। हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल ले जाया गया था। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
ड्यूटी डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज
स्वजन के हंगामें और बवाल के बाद मृतक के चाचा अंगद सिंह की तहरीर पर शिवली थाना प्रभारी राजेश सिंह, रनियां थाना प्रभारी शिव प्रकाश सिंह, एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, एसओजी कांस्टेबल महेश गुप्ता व अन्य अज्ञात, मैथा चौकी प्रभारी ज्ञानप्रकाश पांडेय, जिला अस्पताल के ड्यूटी डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।
एसपी सुनीति ने रनियां, शिवली थाना प्रभारी, एसओजी प्रभारी समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था। पोस्टमार्टम में पिटाई के दौरान सिर पर गंभीर चोट आने से बलवंत कोमा में गया था। जिससे मौत की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद एडीजी भानु भास्कर ने निलंबित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। फरार चल रहे पुलिसकर्मियों की धर पकड़ के लिए तीन पुलिस टीमें लगाई गई हैं। जो संभावित स्थानों पर दबिश दे रही हैं।
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