Dehradun
इंडिया न्यूज, देहरादून (Uttarakhand): हर साल की भांति इस साल भी लाखों की संख्या में विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के लिए देश- विदेश से श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचे थे। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस साल चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे इन लाखों श्रद्धालुओं में से 281 श्रद्धालुओं ने यात्रा के दौरान ही अपनी जान गवा दी। जो सीधे तौर पर कहीं न कहीं प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
श्रद्धालुओं को सही समय पर उपचार न मिलने से हुई मौत
इस यात्रा दौरान लगभग 15 लाख से अधिक यात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे थे। जिसमें से 150 श्रद्धालुओं की यात्रा के दौरान समय पर उपचार न मिलने के चलते मौत हो गई। जबकि यमुनोत्री धाम के दर्शन करने आये 48 श्रद्धालुओं, गंगोत्री धाम के दर्शन करने आये 17 श्रद्धालुओं , और बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने आए 66 श्रद्धालुओं की इस यात्रा दौरान मौत हुई थी। जबकि साल 2019 में चार धाम यात्रा के दौरान यात्रा पर आए श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा इससे बेहद ही कम था। साल 2019 में कुल 91 लोगों की चारधाम यात्रा के दौरान मौत हुई थी।
यात्रा के दौरान मौत का बढ़ा आंकड़ा
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार से कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान इस साल जिस तरह से श्रद्धालुओं की यात्रा के दौरान मौत का आंकड़ा बढ़ा है। उसकी कहीं न कहीं एक बड़ी वजह स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव भी हैं। हालांकि मेडिकल रेसलर यूनिट चारधाम यात्रा के अलग-अलग जगहों पर मौजूद हैं। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी, मैन-पावर, तैनाती के साथ ही इक्विपमेंट उपलब्ध नहीं होने के चलते यात्रियों की मौतें हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग एशियन डेवलपमेंट बैंक की वित्तीय सहायता से प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है।
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