इंडिया न्यूज, देहरादून।
चारधाम की तरह कुमाऊं मंडल में नया मानसखंड कॉरिडोर बनाने के लिए शासन ने कसरत शुरू कर दी है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने मानसखंड मंदिरमाला मिशन के लिए कुमाऊं मंडल के सभी जिलाधिकारियों को तत्काल सूचना भेजने के निर्देश दिए हैं। मिशन के तहत कुमाऊं मंडल के 29 पौराणिक मंदिर चिह्नित किए गए हैं। लोक निर्माण विभाग और पर्यटन विभाग भी मंदिरमाला मिशन के तहत मंदिरों को रोड व रोपवे कनेक्टिविटी की संभावना तलाश रहे हैं। प्रमुख सचिव (लोनिवि) आरके सुधांशु के मुताबिक, जिलाधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद विभाग मंदिरों को जोड़ने वाली सड़कों के चौड़ीकरण और वहां पहुंचने के लिए मार्गों को सुगम बनाने की योजना पर काम करेगा।
आध्यात्मिक एवं धार्मिक रूप से उत्तराखंड को शिव की भूमि माना जाता है। गढ़वाल मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को भगवान केदारनाथ की भूमि मानते हुए केदारखंड पुकारा जाता है। कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को कैलाश मानसरोवर की जलभूमि मानते हुए मानसखंड कहा जाता है। एडविन टी ऐटकिन्सन के हिमालयन गजेटियर में मानसखंड का जिक्र है। यह भू-भाग पश्चिम में नंदा देवी पर्वत व पूर्व में नेपाल में स्थित काकगिरी पर्वत तक वर्णित है। वर्तमान में पूर्व में भारतीय सीमा महाकाली नदी तक लगा है। मानसखंड में कैलाश मानसरोवर पर्वत, मेरू, पंचाचूली, लिपुलेख एवं जौहर मुख्य पर्वत हैं।
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