India News (इंडिया न्यूज), Manish shrivastav, Jhansi : झाँसी के समथर नगर में स्थित पानी की टंकी के पास बहुत लम्बे समय से अपना डेरा लगाये लोहपीटा समाज के फूल सिंह का अचानक निधन हो गया। दोपहर में फूल सिंह के परिवार जनों ने रिश्तेदारों के साथ उनकी अंतिम यात्रा बहुत धूमधाम से निकली। अंतिम यात्रा में सबसे पहले डी जे पर गमगीन गाने बजाये गये। इसके बाद श्मशान घाट से पहले शव यात्रा के साथ चल रही महिलाओं ने जमकर नृत्य किया तो पुरुषों द्वारा रुपयों की जमकर निछावरें की गई।
अकसर किसी की शादी विवाह में लोगों के नाचते-गाते देखा होगा, मगर शायद ही किसी को किसी की मौत हो जाने पर नाचते-गाते बैंड बाजा बजाते देखा हो। ऐसा एक मामला झांसी जिला के समथर में सोमवार को देखने को मिला। अजीबोगरीब रीति रिवाज के साथ निकाली गई शव यात्रा। देखने वाले केवल शव यात्रा देखते ही रह गए उनके पास कहने के लिए कोई भी शब्द नहीं मिल रहा था।
वहीं शव यात्रा में शामिल लोगों से जब नृत्य करने के विषय में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि युद्ध के समय मृत्यु को उत्साह के साथ बरण करते थे। हमारी महिलाएं भी युद्ध के बाद जौहर करने से पहले खूब सज-संवर कर बहुत उत्साहित होकर नृत्य आदि करके अग्नि स्नान करती थी।
वर्तमान में जौहर, सती प्रथा पूरी तरह से बंद हो गई है। इसलिए थोड़ा सा सूक्ष्म रूप में करते हैं। उन्होंने कहा कि लोहपीटा समाज में महिला या पुरुष की मृत्यु हो जाने पर हर हालत में उसे खराब, पुराने एवं नये नारियल में ही जलाया जाता है।
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