Agra
इंडिया न्यूज, आगरा (Uttar Pradesh)। ताजनगरी आगरा में एक और चीज है, जो अपनी खूबी के कारण ऐतिहासिक है। बात हो रही है आगरा कॉलेज में रखी पत्थर की घड़ी की। यह घड़ी 180 साल से सटीक समय बता रही है। बड़ा सवाल है कि जब इसकी बनावट पत्थर की है तो इसकी सुइयां चलती कैसे हैं? जवाब है धूप यानी सौर उर्जा। आगरा कॉलेत के अगले साल 200 साल पूरे होने को हैं। कॉलेज इस उपलब्धि को भव्य बनाने जा रहा है। ये घड़ी प्रदर्शनी में दिखेगी।
1823 में कॉलेज की हुई थी स्थापना
आगरा कॉलेज 1823 में स्थापित हुआ था। प्राचार्य अनुराग शुक्ल से जब बात हुई तो उन्होंने बताया कि कॉलेज के पार्क में है धूप घड़ी लगी है। इसी के कारण पार्क का नाम दो घड़ी और ध्यान रखा गया है। इसमें धूप की दिशा से समय आसानी से देखा जा सकता है। इसका समय और हाथ की घड़ी का समय स्मान मिलता है। बताया जाता है कि पूर्व में समय का पता करने के लिए इसका निर्माण कराया गया था। इसका विचार कोर्णाक मंदिर में बने चक्र से आया। इस दौरान इसी के स्कूल खुलने और बंद होने समेत अन्य कार्य करने का समय तय होता था।
ये है घड़ी की विशेषता
अगर हम बात करें धूप घड़ी की विशेषता की तो दूर पड़ी सूर्य की रोशनी की परछाई के आधार पर सटीक समय बता सकते हैं। इस के बीचो-बीच काली पट्टी का और चारों और रोमन और हिंदी के अंदर हैं। धूप पड़ने पर पटका से इन अंगों के बीच बनी लाइन को देखकर समय पता करते हैं, इस बात को समझ कर कोई भी आसानी से समय देख सकता।
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