देहरादून, इंडिया न्यूज यूपी/यूके. अंकिता भंडारी मर्डर केस के मुख्य आरोपी पुलकित के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। हरिद्वार में पुलकित के घर के बाहर सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन किया। लोगों ने पुलकित को फांसी दिए जाने की मांग की है। आरोपी पुलकित का परिवार भी घर छोड़कर चला गया है।
आर्य नगर चौक के पास स्थित पुलकित की स्वदेशी फार्मेसी में ताला लगा हुआ है। शनिवार को जिला प्रशासन की टीम उसके घर की नपाई करने पहुंची थी, उस समय तो उसके पिता विनोद आर्य घर पर मौजूद थे, समाजिक संगठनों ने घर पर पहुंच कर प्रदर्शन किया। उसके बाद सभी घर छोड़ कर चले गए हैं। घर और फार्मेसी पर सन्नाटा है।
रिसेप्शनिस्ट की जॉब करती थी मृतक अंकिता
बता दें कि पुलकित, अंकित और सौरभ नाम के 3 लड़कों के साथ अंकिता भंडारी की दोस्ती थी। अंकिता रिसेप्शनिस्ट की जॉब पुलकित के ही रिसॉर्ट में करती थी। पुलकित और अंकिता में किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। 18 सितंबर की शाम अंकिता इन तीनों के साथ चीला नहर के किनारे बैठी थी, वहां फिर इन लोगों में विवाद होने लगा।
पुलकित ने पुलिस से बताई झूठी कहानी
पुलिस ने दर्ज की गई एफआईआर में लिखा है कि अंकिता भंडारी अंकिता 17-18 सितंबर से गायब थी। इसके बाद उसके पिता ने रिसॉर्ट पहुंचकर कर्मचारियों से पूछताछ की थी। बेटी का पता नहीं चलने पर उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अंकिता 17 सितंबर की रात करीब 8 बजे पुलकित आर्य, उसके रिजॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के साथ ऋषिकेश गई थी।
वापस आते समय तीनों आरोपियों ने चीला रोड के किनारे शराब पी। अंकिता उनके ड्रिंक खत्म होने का इंतजार करती रही। शराब पीने के बाद तीनों लड़की से झगड़ने लगे। हाथापाई में अंकिता ने पुलकित का मोबाइल भी नहर में फेंक दिया था। इस दौरान अंकिता ने रिसॉर्ट में अनैतिक गतिविधियों का विरोध किया था। उसने धमकी भी दी कि वह सभी को यहां चलने वाली अनैतिक गतिविधियों के बारे में बता देगी। इस बात से गुस्साए पुलकित और उसके साथियों ने लड़की को नहर में धकेल दिया।
शक के आधार पर जब पुलिस ने पुलकित से पूछताछ की, तो उसने पुलिस को बताया कि रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी रिसॉर्ट के एक कमरे में रहती थी। कुछ दिन से वह मानसिक तनाव से गुजर रही थी। इसलिए वह और उसके दोस्त 18 सितंबर को अंकिता को ऋषिकेश घुमाने ले गए थे। देर रात सभी वहां से वापस लौट आए। लौटकर सभी रिसॉर्ट में बने अलग-अलग कमरों में सोने चले गए। 19 सितंबर की सुबह अंकिता अपने कमरे से गायब थी। पुलिस की पड़ताल में यह कहानी झूठी निकली।