Mathura
इंडिया न्यूज, मथुरा (Uttar Pradesh): उत्तर प्रदेश के मुथरा में शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण के संबंध में स्थानीय कोर्ट के आदेश पर असहमति जताई। कहा कि अदालत का आदेश पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन करता है। वहीं एआईएमआईएम अध्यक्ष, हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि उनकी समझ से यह आदेश गलत है। वह इससे असहमत हैं। मथुरा के सिविल कोर्ट ने 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन किया है।
हैदराबाद में प्रेसवार्ता करते हुए ओवैसी ने कहा कि हिंदू सेना ने सर्वेक्षण को पहले उपाय के रूप में इस्तेमाल किया है, जबकि कानूनी विशेषज्ञों का मानना है, कि यह अंतिम उपाय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यकीन है कि शाही ईदगाह ट्रस्ट इस आदेश के खिलाफ अपील करेगा। हाईकोर्ट इस मामले में विचार करेगा।
20 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
दो दिन पहले मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में हिंदू सेना के दावे पर ईदगाह का अमीन सर्वे करने का आदेश दिया है। यह आदेश वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में कोर्ट के आदेश की तरह है। शाही ईदगाह मस्जिद मामले में अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की है।
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता व उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने 8 दिसंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की न्यायाधीश सोनिका वर्मा की अदालत में याचिका दायर कर दावा किया था, कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर तोड़कर औरंगजेब द्वारा ईदगाह तैयार कराई गई थी। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर बनने तक का पूरा इतिहास अदालत के समक्ष पेश किया। साल 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही मस्जिद ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी चुनौती दी है।
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