India News (इंडिया न्यूज़), Atal Bihari Vajpayee, दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को दिल्ली में ‘सदैव अटल’ स्मारक पर अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पांचवीं पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। अटल बिहारी वाजपेयी को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
पूर्व प्रधानमंत्री, 'भारत रत्न' श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन! pic.twitter.com/EqFm07g7XV
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 16, 2023
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ को श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन किया। जहां सीएम ने उनके द्वारा लिखी कुछ पंक्तियाँ शेयर की है। जिसमे लिखा है कि कर्तव्य के पुनीत पथ को, हमने स्वेद से सींचा है, कभी-कभी अपने अश्रु और प्राणों का अर्घ्य भी दिया है। किंतु, अपनी ध्येय-यात्रा में हम कभी रुके नहीं हैं, किसी चुनौती के सम्मुख, कभी झुके नहीं हैं।
गौरतलब है कि भाजपा ने पहली बार एनडीए के साथी सहयोगियों को सदाव अटल स्मारक पर पूर्व प्रधान मंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम में आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम में एनडीए के सहयोगी नेताओं में बिहार के पूर्व CM जीतन राम मांझी, तमिल मनीला कांग्रेस के नेता जीके वासन, AIADMK के थंबी दुरई, अपना दल नेता अनुप्रिया पटेल, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और अगाथा संगमा समेत अन्य शामिल थे।
कर्तव्य के पुनीत पथ को, हमने स्वेद से सींचा है,
कभी-कभी अपने अश्रु और प्राणों का अर्घ्य भी दिया है।
किंतु, अपनी ध्येय-यात्रा में हम कभी रुके नहीं हैं,
किसी चुनौती के सम्मुख, कभी झुके नहीं हैं।पूर्व प्रधानमंत्री, 'भारत रत्न' श्रद्धेय अटल जी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन! pic.twitter.com/MruYdmTZVg
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 16, 2023
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू के सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी पूर्व पीएम को उनकी पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके अलावा, महत्वपूर्ण बात यह है कि वाजपेयी की पालक बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य को भी दिवंगत नेता के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
भाजपा जनता पार्टी के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के सर्वोच्च पद पर अपने तीन कार्यकालों के दौरान सभी एनडीए सहयोगियों को साथ लिया और अपने नेतृत्व के माध्यम से गठबंधन शासन के सफल प्रबंधन का उदाहरण दिया। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और रणनीतिक कौशल ने न केवल उनके प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान भाजपा की छवि को आकार दिया, बल्कि पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने में भी मदद की।
1924 में ग्वालियर में जन्मे, वाजपेयी दशकों तक भाजपा का चेहरा थे और पहले गैर-कांग्रेसी प्रधान मंत्री थे जिन्होंने कार्यालय में पूरा कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक और फिर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। वह 1977 से 1979 तक प्रधान मंत्री मोराजी देसाई के मंत्रिमंडल में भारत के विदेश मंत्री के रूप में भी कार्य किया। 2018 में 16 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हो गया। 25 दिसंबर को उनके जन्मदिन पर सुशासन दिवस सरकार मनाती है।