India News UP (इंडिया न्यूज़), Ayodhya: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के करीब पांच महीने बाद शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बयान दिया है। उन्होंने दोबारा प्राण प्रतिष्ठा की बात कही है। उनका कहना है जो इससे पहले हुआ वो एक राजनितिक समारोह था, अभी मंदिर बनना बाकी है पूर्ण रूप से। एक बार फिर प्राण प्रतिष्ठा होगी।
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अयोध्या में स्थित राम मंदिर के बारे में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि रामलला की पुनः प्राण प्रतिष्ठा होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मंदिर का निर्माण लगभग 3-5 साल तक चलेगा और तब वह पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। सनातन धर्मियों और राम भक्तों की इस आकांक्षा को पूरा करने के लिए भगवान की कृपा से मंदिर बनने के बाद प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
22 जनवरी 2024 को अयोध्या स्थित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में दुनिया भर के प्रसिद्ध लोगों ने भाग लिया था। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में पांच महीने बाद सवाल उठ रहे हैं। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने फिर से राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने की बात कही है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि राम मंदिर देश के बहुसंख्यक सनातनियों की आकांक्षा है और भगवान की कृपा से न्यायालय के आदेश पर उसका निर्माण हो रहा है। वर्तमान में अयोध्या में मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है जिसका श्रेय लगभग तीन साल की मेहनत को जाता है। स्वामी जी ने कहा कि जब मंदिर पूरा हो जाएगा, तब प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो पहले हुआ था वह एक राजनीतिक कार्यक्रम था, जिसे भूला देना चाहिए। स्वामी जी ने बताया कि मंदिर पूरा होने के बाद मंदिर के शिखर पर कलश लगाया जाएगा।
उन्होंने गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा कि हिंदुओं के लिए गाय पहली प्राथमिकता है। जब हम रोटी बनाते हैं तो पहली रोटी गाय के लिए होती है। गाय हमारे लिए सबसे पहले है। उन्होंने गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने और गाय को जानवरों की सूची से हटाने तथा उसे राष्ट्रीय माता घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश के मतदाताओं ने उसी पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने का संकल्प लिया है जिसने यह शपथ ली है कि अगर वे जीतते हैं तो वे सबसे पहले यह काम करेंगे।