Azamgarh: आजमगढ़ प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में रहे फर्जी मदरसों के मामले में सिर्फ आजमगढ़ में 219 ऐसे मदरसे संज्ञान में आए थे जो सिर्फ कागजों पर और फर्जी तरीके से संचालित किए जा रहे थे। इस पूरे प्रकरण पर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए मुहिम के तहत सन 2017 और 18 में जबसे मदरसा पोर्टल लागू किया गया। उसमें जनपद स्तर से जांच में मदरसों को लॉक या अनलॉक करना था। जिसमें 300 से ज्यादा मदरसे मानक विहीन चिन्हित किए गए थे।
जिलाधिकारी के माध्यम से एक जांच रिपोर्ट शासन को गई थी। इस संदर्भ में पूरे प्रकरण को शासन ने एसआईटी को जांच सौंप दी थी। जिसमें एसआईटी ने 2022 में जांच रिपोर्ट सबमिट कर शासन को भेजी थी उसी के क्रम में कुल 7 लोगों पर कार्यवाही का आदेश जारी हुआ है। जिसमें अधिकारी व कर्मचारी सम्मिलित है और इसकी संभवत प्राथमिकी लखनऊ में भी दर्ज कराई गई है।
अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड के इंस्पेक्टर मनोज राय ने बताया कि आजमगढ़ में कुल 219 मदरसे जो मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। उनको किसी प्रकार का सरकारी लाभ नहीं मिला है। बाकी 39 मदरसे ऐसे हैं जिसमें मदरसा आधुनिकीकरण से के फंड से आच्छादित रहे हैं उनमें जो मानदेय गया है उसी पर इन अधिकारियों पर उत्तरदायित्व बना है। कुल मिलाकर सिर्फ एक आजमगढ़ जिले में ही 219 मदरसे और मानदेय के रुप में हैं। लाभ लेने वाले 39 मदरसे चिन्हित किए गए हैं इसी प्रकरण पर एसआईटी द्वारा कार्यवाही कर शासन को रिपोर्ट भेजी गई है जिसमें प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश हुआ है।
इस पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारी ने अब तक हो चुकी कार्रवाई का पूरा ब्यौरा बताया है अब आगे स्थानीय थानों पर भी इन मदरसों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।वर्षों से चल रहे इन मदरसों के ऊपर सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर अब पूरे जिले में अल्पसंख्यक विभाग सहित मदरसे को संचालित करने वाले संचालकों में अफरा-तफरी का माहौल मच गया है जिसकी चर्चा भी अब इलाके में जोरों पर चल रही है।
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