Baghpat
इंडिया न्यूज, बागपत (Uttar Pradesh)। बागपत के डिप्टी सीएमओ ओर पूर्व सीएमओ के खिलाफ वारंट जारी हुए हैं। नसबंदी होने के बाद भी महिला के गर्भवती होने के मामले में कोर्ट के आदेशों के बाद पीड़िता को धनराशि नहीं देने के चलते कोर्ट से आरसी जारी हुई थी, जिसके बाद एडीएम बागपत ने चिकित्सकों को वारंट जारी किये हैं। वहीं दोनों अधिकारियों ने धनराशि जमा करने के लिए एक माह का समय मांगा है।
नसबंदी के बावजूद गर्भवती हो गई थी महिला
दरअसल आपको बता दें कि बागपत तहसील क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला की डेढ़ वर्ष पूर्व जिला अस्पताल में नसबंदी हुई थी। लेकिन उसके बाद भी महिला गर्भवती हो गई थी और पीड़ित महिला ने न्याय की मांग को लेकर उपभोक्ता फोरम में अपील की थी। जिसके चलते ही कोर्ट ने महिला को 6 लाख रूपये की धनराशि उपलब्ध कराने के लिए डिप्टी सीएमओ यशवीर सिंह ओर पूर्व सीएमओ सुषमा चंद्रा को आदेश दिए थे। लेकिन उन्होंने महिला को धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके बाद उनके विरुद्ध आरसी जारी की गई। आरसी तहसील में पहुंची थी। जिसके बाद जिले के अधिकारियो ने दोनों को वारंट जारी किए हैं।
एडीएम प्रतिपाल सिंह ने कहा कि एक महिला ने नसबन्दी कराई थी ओर उसके बाद भी वह महिला गर्भवती हो गई थी। उसने उपभोक्ता फोरम में अपील की थी। कोर्ट से एक धनराशि देने के लिए एसीएमओ ओर पूर्व सीएमओ को देने के लिए निर्देशित किया गया था। लेकिन इनके द्वारा महिला को धनराशि महिला को उपलब्ध नहीं कराई गई थी। जिसके चलते ही एक आरसी जारी की गई है, जो तहसील बागपत में प्राप्त हुई है। इसी क्रम में पहले इन लोगों के खिलाफ पहले साइटेशन जारी किया गया और वारंट भी जारी किये गए हैं ओर उनके द्वारा एक महीने के लिए समय मांगा गया है।
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