India News(इंडिया न्यूज़), Rakesh Kanojia, Balrampur News: बलरामपुर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर बसा एक ऐसा गांव है जहां जन्म लेने वाले बच्चे 3 से 4 वर्ष तक पूर्ण रूप से स्वस्थ रहते हैं। जिसके बाद यह के बच्चों में विकलांगता का शिकार हो जाते है। आखिर इस समस्या के वजह आज तक किसी ने नहीं जान पाया है। लोग इसे श्राप या की पानी हवा में कोई समस्या है। इन सभी चीजों को लेकर परिवार के लोग काफी चिंतित है।
मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत खड़ियाडामर के आश्रित ग्राम कोइलीदामर में एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिल रहा है। जिसे आप भी देख या सुनकर चौंक जाएंगे। यहां पर जन्म लेने वाले बच्चे 3 से 4 वर्षो तक स्वस्थ रहते हैं लेकिन जैसे जैसे बच्चों की उम्र बढ़ती है बच्चों में विकलांगता जैसी अजीबो गरीब समस्याएं आने लगती है।जिसके बाद धीरे-धीरे यह समस्या बच्चों को पूर्ण रूप से विकलांग बना देती है। ऐसा कोई एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन मामले सामने आए है। आखिर क्यों हो रहा है यहां के लोग खुद ही इस बात को जानने के लिए चिंतित है। यहां के लोग इसे किसी श्राप या गांव की हवा पानी में समस्या होने की बात कह रहे हैं।
आप इन तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते हैं कि बच्चे किस तरीके से विकलांगता की दंश झेल रहे हैं। जहां के बच्चे अपने पैरों पर चलने के समय मां बाप भाई बहन के सहारे चलने पर मजबूर है। बच्चे एक ही जगह या बंद कमरे में रहकर अपना समय बिता रहे हैं। बच्चों की ऐसी स्थिति को देखते हुए परिजन भी काफी डरे और सहमे हुए है। परिजन बच्चों के इलाज के लिए छत्तीसगढ़ सहित उत्तर प्रदेश झारखंड में कई बड़े डॉक्टरों के पास इलाज करा चुके हैं। लेकिन समस्या से निजात मिलने की बजाए समस्या बढ़ती ही जा रही है। वही जादू टोने के शक में देवी परिवार के लोग ओझा बैगा पूजा आराधना भी करने में जुटे हुए हैं।
वही इस मामले पर मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रेमचंद बनर्जी ने बताया कि गांव डॉक्टरों की टीम भेजकर बच्चों का स्वास्थ्य प्रशिक्षण करेंगे और यह समस्या किस वजह से हो रही है इसे जानने के लिए भी टीम गठित कर जांच कराएंगे। इतना ही नहीं शासन की तरफ से मिलने वाली चिकित्सीय सुविधा से जोड़कर बच्चों का संपूर्ण इलाज करेंगे।