इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Banda Awadhesh lost the bike in a bet बात बांदा की है। यहां के अवधेश की अपने एक दोस्त के संग शर्त लग गई थी। अवधेश का कहना था कि सपा की सरकार बनेगी,अगर नहीं बनेगी तो मै अपनी बाइक तुम्हारें नाम कर दूंगा। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। अवधेश ने शर्त के मुताबित अपनी बाइक उसे दे दी। परेशानी की बात यह थी कि अवधेश फेरी लगाने का काम करता था। बाइक जाने से उसके कारोबार पर फर्क पड़ गया। इस बात की चर्चा तेजी से वायरल हुई और सपा प्रमुख अखिलेश यादव तक पहुंच गई। इसके बाद अखिलेश यादव ने उसे एक लाख 10 हजार की मदद की और सपा नेता ने नई बाइक उपलब्ध करवाई।
मटौंध थाना क्षेत्र के बसहरी गांव में रहने वाला अवधेश कुशवाहा बाइक से फेरी लगाकर कारोबार करता है और पड़ोस में रहने वाला बिलेटा सैनी टेंपा चलाकर परिवार का पालन करता है। यूपी विधानसभा चुनाव में छह फरवरी को बातों-बातों में उन दोनों ने अजब गजब शर्त लगा ली थी। चुनाव में बिलेटा ने भाजपा के जीतने व अवधेश ने सपा के जीतने की बात कही थी। दोनों ने शर्त लगाते हुए बकायदा सौ रुपये के स्टांप में लिखा-पढ़ी कराई थी, जिसमें छह गवाहों के हस्ताक्षर कराए गए थे।
दस मार्च को परिणाम आने पर भाजपा की अधिक सीटें आने पर अवधेश शर्त हार गया था और लिखे अनुसार अपनी बाइक बिलेटा सैनी के नाम कर दी थी। इस वाक्ये की जानकारी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को हुई तो उन्होंने अवधेश को लखनऊ बुलवाया था। उन्होंने उसे 1.10 लाख रुपये की आर्थिक मदद में चेक देकर दोबारा ऐसी शर्त न लगाने की सख्त हिदायत भी दी थी।
सपा नेता जगदीश कुशवाहा मदद में मिली राशि से बाइक खरीद कर शनिवार सुबह अवधेश कुशवाहा के घर पहुंचे और उसे चाबी सौंपी। बाइक की चाबी मिलने पर उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सपा नेता जगदीश कुशवाहा ने कहा कि अब अवधेश फिर से अपना फेरी लगाने का कारोबार कर सकेगा। शर्त में बाइक हारने के बाद उसकी आजीविका का साधन छिन गया था।