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Barabanki: 135 गांव बने टापू, नाव पर चूल्हा बनाकर बच्चों का पेट भर रहीं महिलाएं

• LAST UPDATED : October 12, 2022

Barabanki

इंडिया न्यूज, बाराबंकी (Uttar Pradesh) । उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में बाढ़ का कहर जारी है। जिले की तीन तहसील रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट तहसील में 135 गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। आलम यह है कि पीड़ित अपनी गृहस्थी का सामान लेकर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं। लेकिन चारों तरफ बाढ़ ने ऐसा हाहाकार मचा रखा है कि कई गावों में तो लोग नाव पर ही अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। हालात ऐसे हैं कि महिलाएं नाव के ऊपर ही किसी तरह चूल्हा जलाकर अपना और अपने परिवार का पेट भर रही हैं।

बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने के लिए राज्यमंत्री सतीश चंद शर्मा और जिलाधिकारी डॉ अविनाश कुमार मौके पर पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों के लिए लगाए गए अधिकारियों कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बताया है कि चारे की समस्या राशन की जो किट है उनका वितरण कल से शुरू हो जाएगा।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ रहा है।

खतरे के निशान से 85 सेमी ऊपर बह रही घाघरा

जिले में घाघरा नदी के बड़े जलस्तर से इस समय हाहाकार मचा हुआ है। नदी खतरे के निशान से 85 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जिले के तीन तहसील रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट क्षेत्र के तराई में बसे करीब 135 गांव नदी की बाढ़ से प्रभावित है।कुछ गांव का बाढ़ के चलते मुख्य मार्ग से संपर्क ही कट गया है।

रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र के सेमरी गांव के ग्रामीण बांस बल्ली का पुल बनाकर जान जोखिम में डालकर उस पर निकल रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुल टूटा होने के चलते कई बार जनप्रतिनिधियों से कहा गया लेकिन इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जिसके चलते बाढ़ में बांस बल्ली का पुल बनाकर उस पर जान जोखिम में डालकर निकलना पड़ता है।

तराई में बसे लोगों के गांव चारों तरफ से पानी से घिरे हैं। गांवों में पानी हैं।

सबसे ज्यादा सिरौलीगौसपुर में हालात भयावह

सिरौलीगौसपुर तहसील के तिलवारी गांव में तो हालात इतने भयावह हो गए हैं कि महिलाएं अपने परिवार के साथ नाव पर ही जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। चारों तरफ सिर्फ बाढ़ का पानी होने के चलते लोग अपनी जिंदगी नाव पर ही गुजारने को मजबूर हैं। यहां तक कि बाढ़ पीड़ित महिलाएं नाव पर ही चूल्हा जलाकर गीली लकड़ियों से किसी तरह भोजन बना रही हैं। यह महिलाएं नाव पर ही चूल्हा जलाकर अपने परिवार के लिए दो रोटी का जुगाड़ कर रही हैं। बाढ़ पीड़ितों को अभी यह नहीं पता कि उनको घाघरा इस विनाशलीला को कब तक सामना करना पड़ेगा। क्योंकि ग्रामीण बता रहे हैं कि तीन-चार दिनों से यह पानी ज्यादा बढ़ रहा है। नदी का जलस्तर बढ़ने से घरों के अंदर पानी घुस गया है। इस समय लगातार पानी बढ़ता ही जा रहा है।

प्रशासन ने राहत बचाव के लिए NDRF को लगा रखा है। बाढ़ से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

राज्यमंत्री और डीएम ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा और जिला अधिकारी डॉ अविनाश कुमार मौके पर पहुंचे। इस दौरान जिला अधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि बाढ़ को लेकर माननीय मंत्री जी और मैंने रामसनेहीघाट के जो प्रभावित क्षेत्र है उनका निरीक्षण किया है। इस दौरान एसडीएम भी मौके पर मौजूद थे।

जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में चारे की समस्या राशन की जो किट है उनका वितरण कल से शुरू हो जाएगा। घाघरा के जो साइड के एरिया है उसमें फसल काफी प्रभावित हुई है। उसके मुआवजे के लिए सूची बनाने को लेकर भी निर्देशित किया है। क्षेत्र में मेडिकल टीम भी लगाई गई हैं। 8-8 घंटे के रोस्टर पर सेक्रेटरी, लेखपाल, मेडिकल और नर्सिंग के लोग लगाए गए हैं। उनको निर्देशित किया गया है ऐसे कुछ एरिया है जहां पर लोग ज्यादा प्रभावित हैं वहां उनको उपस्थित होने को लेकर निर्देशित किया गया है।

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