बाराबंकी (Barabanki) जनपद में फर्जी केस में फंसाने की धमकी देकर चार लाख रुपये वसूलने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्यवाई ना होने से पीड़ित व्यक्ति धरने पर बैठ गया है। पीड़ित व्यक्ति का आरोप है कि सफदरगंज पुलिस ने उसे फर्जी एनडीपीएस केस में फंसाने की धमकी देकर उससे चार लाख रुपये वसूल लिए है। इस मामले में पीड़ित व्यक्ति ने बाराबंकी पुलिस अधीक्षक को एफीडेविट के साथ शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। शिकायत के करीब 10 दिन बीत जाने के बाद कार्रवाई ना होने से परेशान पीड़ित व्यक्ति धरने पर बैठ गया है। धरने पर बैठे पीड़ित व्यक्ति रुपए वसूलने वाले पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग कर रहा है।
करीब 10 दिन पहले सफदरगंज पुलिस पर चार लाख रुपये वसूलने का आरोप लगाया था। यह आरोप सफदरगंज थाना क्षेत्र के रामपुर भवानीपुर गांव के रहने वाले 70 वर्षीय बुनकर नुरूल हसन ने लगाया था। नूरुल हसन ने बाराबंकी पुलिस अधीक्षक को एफीडेविट के साथ शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। नूरुल हसन ने पुलिस अधीक्षक को दिए गए शिकायती पत्र में बताया था कि 23 दिसंबर 2022 को दिन में समय करीब 3 बजे सफदरगंज थाने के दीवान साहब का उसके पास फोन आया और कहा कि कल आकर थाने में मिले।
पीड़ित नुरुल हसन ने बताया कि जब वह अगले दिन सफदरगंज थाने गया तो वहां पर दीवान साहब ने थानाध्यक्ष और दूसरे पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में मुझसे 7 लाख रुपये मांगे और कहा कि अगर नहीं दोगे तो एनडीपीएस के फर्जी केस में जेल भेज दिया जायेगा। पीड़ित नुरुल हसन ने बताया कि मेरा सौदा चार साल रुपए में तय हुआ। पीड़ित के मुताबिक उसने पुलिस से पीछा छुड़ाने के लिए रिश्तेदारों से पैसे मांग कर 4 लाख रुपये दीवान को थाना इंचार्ज की मौजूदगी में देकर अपना पीछा छुड़वाया।
10 दिन पहले बाराबंकी पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह से एफिडेविट के साथ की गई शिकायत में कार्यवाही ना होने के बाद पीड़ित व्यक्ति परेशान होकर बाराबंकी जिले के गन्ना दफ्तर में धरने पर बैठ गया है। धरने पर बैठा पीड़ित व्यक्ति अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाते हुए पैसा वापस दिलाए जाने की मांग कर रहा है। धरने पर बैठे 70 वर्षीय पीड़ित नुरुल हसन का कहना है कि मेरा पैसा वापस दिलाया जाए और दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाए।