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Barabanki Weather: सरयू नदी का कहर! बहराइच बॉर्डर पर बसे गांव में 14 घर और प्राथमिक विद्यालय नदी में समाया, लोगों में डर का माहौल

• LAST UPDATED : August 23, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Barabanki Weather: बाराबंकी जिले से होकर गुजरी सरयू नदी में आई बाढ़ से करीब 50 गांवों का जनजीवन पटरी से उतर गया है। इस समय नदी का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास है। बाराबंकी जिले के रामनगर और सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र में नदी अपना कहर बरपा रही है। यहां अब तक 30 मकान व झोपड़ी नदी में समा चुकी हैं। नदी के उस पार बहराइच बॉर्डर पर बसे खुज्झी गांव का प्राथमिक विद्यालय और 14 मकान काटन के चलते नदी में समा गए हैं।

सरयू नदी पिछले रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस साल ज्यादा कहर बरपा रही

बता दें कि बाराबंकी जिले में सरयू नदी पिछले रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस साल ज्यादा कहर बरपा रही है। नदी का पानी तटों से ऊपर आने के बाद गांवों को डुबोता हुआ चला गया। घर, खेत, सड़क, रास्ते व स्कूल तक काटन के चलते नदी में समा चुके हैं। रामनगर तहसील क्षेत्र के खुज्झी गांव में प्राथमिक विद्यालय और करीब 14 मकान नदी में समा गए हैं। यह सभी मकान गरीब व्यक्तियों को मिले मुख्यमंत्री आवास थे। लोगों का कहना है कि जैसे-तैसे आवास मिले थे वह भी नदी में समा गए हैं, अब दोबारा आवास मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। गांव के लोगों का कहना है कि हम लोगों का गांव बाराबंकी से नदी के इस पर बहराइच बॉर्डर पर है। जिला का कोई भी अधिकारी यहां देखने तक नहीं आया की बाढ़ से क्या हालात हैं।

कोई भी अधिकारी इस गांव में देखने तक नहीं आया

रामनगर तहसील क्षेत्र में नदी के उसपार बहराइच जिले के बॉर्डर पर बसे खुज्झी गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से कोई भी मदद नहीं की जा रही। गांव की महिलाओं ने बताया कि वह गीली लकड़ियों से किसी तरह खाना बना रहीं हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जब उन लोगों के घर नदी में समा गए थे,उस समय ग्राम प्रधान आया था। जो मकान नदी में समा गए हैं उसके बारे में पूछ कर चला गया। लेकिन जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस गांव में देखने तक नहीं आया, ना ही उन लोगों को प्रशासन की ओर से कोई मदद की जा रही है।

गांव का प्राथमिक विद्यालय नदी में समा गया

खुज्झी गांव का जो प्राथमिक विद्यालय नदी में समा गया है, वह कई गांवों का इकलौता विद्यालय था, जिसमें करीब 7 किलोमीटर दूर से बच्चे पढ़ने आते थे। इस विद्यालय में करीब 185 बच्चे पढ़ते थे। विद्यालय नदी में समाने से यहां पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य पर भी खतरा है। विद्यालय के टीचर ने बताया कि गांव के लोगों ने एक टीन सेट दे रखा है वहीं बच्चों को पढ़ाया जाएगा।

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