बॉलीवुड (BOLLYBOOD) की अनेकों प्रेम कहानी अधूरी है। ठीक उसी तरह अगर बात डैनी डेन्जोंगपा के प्रेम कहानी की करे तो इनकी प्रेम कहानी भी अधूरी है। माना अपना इश्क अधूरा दिल ना इस पर शर्मिंदा है। पूरा होकर खत्म हुआ सब जो है आधा वो ही जिंदा है। इरशाद कामिल की लिखी ये पंक्तियां अधूरी प्रेम कहानियों को मुकम्मल बना देती हैं। हम सभी जब प्रेम कहानियों की बात करते है तो प्रेम की दास्तान अधूरी ही होती है। प्रेम की ऐसी ही एक दास्तान है डैनी डेन्जोंगपा और परवीन बाबी की है।
गंगटोक, सिक्किम में पैदा हुए अभिनेता डैनी डेन्जोंगपा का आज जन्मदिन है। वर्ष 1948 में पैदा हुए डैनी आज 74 साल के हो चुके हैं। एक इंटरव्यू के दौरान डैनी ने खुद परवीन बाबी से जुड़ी अपनी प्रेम कहानी के बारे में बताया था कि वह और परवीन चार साल तक रिलेसन में थे। डैनी कहते हैं कि जब हम दोनों युवा थे। हम दोनो चार साल तक साथ रहें फिर हमारी राहें अलग-अलग हो गईं। हम दोनों ने एक साथ बहुत अच्छा समय बिताया। परवीन कबीर बेदी और महेश भट्ट हम तीनों एक ही कॉलोनी कालुमल एस्टेट में रहते थे। बाद में हम दोनो एक दुसरे को डेट करने लगे।
डैनी बताते है कि परवीन बाबी हमेशा मेरे घर पर आती थी। परवीन भी डैनी के अपने घर डिनर पे बुलाती थी। परवीन बाबी उनकी एक्स गर्लफ्रेंड थी। डैनी ने बताया कि उनकी इस हरकत से किसी को भी अच्छा नहीं लगता था। डैनी बताते है कि परवीन बाबी का इस तरह बेधड़क घर आना मेरी गर्लफ्रेंड किम को परेशान करने लगा। किम को लेकर जब मैं अपने घर पहुंचा तो परवीन बेडरूम में टीवी देख रही होती थी। डैनी कहते है कि मैंने इस बारे में परवीन बाबी से बात की थी तब ऐक्ट्रेस ने कहा कि हम दोनों सिर्फ अच्छे दोस्त है।
जब मैं एक दिन परवीन से मिलने पहुंचा तो उसने दरवाजे के की-होल से मुझे देखा और दरवाजा नहीं खोला। वह मुझे अमिताभ जी का एजेंट बुलाने लगी। उसकी इस हरकत ने मुझे पूरी तरह से डरा दिया। इसके बाद वह मुझे देखते ही चीखने लगी। उसकी इस हरकत से मैं उससे दूर रहने लगा। मैंने महेश भट्ट से इस बारे में बात की। परवीन बाबी को पैरान्वायड सिजोफ्रेनिया की बीमारी थी। उन्हें कई चीजों और कई लोगों से डर लगने लगा था। महेश भट्ट ने मुझे बताया कि परवीन उन्हें बहुत ज्यादा याद करती हैं। और उन्हें उससे मिलते रहना चाहिए। डॉक्टरों ने भी यही सलाह दी थी। डैनी कहते हैं हम अच्छे दोस्त थे। मैं हमेशा उसके लिए मौजूद रहता था। जब भी उसे मेरी जरूरत होती थी।
जब अभिनेत्री परवीन बाबी का निधन हुआ तो उस समय डैनी भी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गए थे। दोस्त की मौत हो जाना किसी भी दोस्त के लिए यह पल बहुत ही ज्यादा दखु:द पल होता है। अगर बात की जाए उनकी मैयत पर आने की तो यह दुर्भाग्य की बात है कि जिस एक्ट्रेस के लिए किसी जमाने में प्रोड्यूसर, डायरेक्टर्स की लम्बी कतार लगी रहती थी। जीवन के अंतिम पलों में उनके साथ कोई भी खड़ा नहीं था। डैनी रोते हुए बताते है कि ‘वहां मैं, महेश, कबीर, जॉनी बख्शी, रंजीत और प्रोड्यूसर हरीश शाह के अलावा बहुत गिने-चुने लोग आए हुए थे।