होम / Gorakhpur: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बिना बेहोश किए हाथ-पैर बांधकर किया ऑपरेशन, महिला ने डॉक्टरों पर लगाया आरोप

Gorakhpur: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बिना बेहोश किए हाथ-पैर बांधकर किया ऑपरेशन, महिला ने डॉक्टरों पर लगाया आरोप

• LAST UPDATED : December 6, 2022

Gorakhpur

इंडिया न्यूज, गोरखपुर (Uttar Pradesh): उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में बिना बेहोश किए ही मरीज का ऑपरेशन कर देने का मामला सामनेन आया है। आरोप है कि महिला के हाथ-पैर बांधकर डॉक्टर ने ऑपरेशन कर दिया। इस बीच मरीज चिल्लाती रही, लेकिन डॉक्टर ने एक न सुनी। दर्द से वह बदहवास हो गई। स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन के जरिए दवा दी।

दूरबीन विधि से ऑपरेशन करने की कही थी बात

जानकारी के अनुसार, माया बाजार की रहने वाली नीलम गुप्ता को पेशाब की नली में 8.6 एमएम की पथरी थी। परिजन इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के यूरोलाजिस्ट डॉ. पवन कुमार एसके के पास लेकर आए। नीलम के अनुसार, डॉक्टर ने दूरबीन विधि से ऑपरेशन की बात कही। इसे बाहर से मंगाने के लिए आठ हजार रुपये भी दिए गए। 21 नवंबर को डॉक्टर ने बेहोश कर ऑपरेशन किया। लेकिन, दर्द से राहत नहीं मिली। दूसरी बार अल्ट्रासाउंड में 8.1 एमएम की पथरी मिली। डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज बुलाया और ऑपरेशन थियेटर में ले गए। आरोप है कि बेड पर हाथ-पैर बांध दिया। विरोध करने पर कहा गया कि यह जांच की प्रक्रिया है। इसके बाद बिना बेहोश किए पेशाब की नली में दूरबीन डालकर पथरी तोड़ने से बेतहाशा दर्द हुआ।

ऑपरेशन थिएटर से निकलकर पति से इसकी शिकायत की। लेकिन, वह घर लेकर चले गए। इस बीच दर्द कम नहीं हुआ। तीसरी बार अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला कि पथरी नहीं है, लेकिन पेशाब की नली के पास घाव हो गया है। इसकी वजह से दर्द है। मरीज का इलाज अब निजी अस्पताल में चल रहा है।

डॉक्टर ने कहा पेशाब की नली में चूरा जमा हो गया था
डॉक्टर बोले- पथरी नहीं थी, पेशाब की नली में जमा हो गया था चूरा ऑपरेशन करने वाले डॉ. पवन कुमार एसके ने बताया कि हाथ-पैर बांधने का आरोप निराधार है। मरीज को ऑपरेशन से पूर्व बेहोश नहीं किया गया था। क्योंकि, मरीज का पथरी का ऑपरेशन नहीं होना था। न ही बड़ी सर्जरी थी। छोटी सर्जरी थी। इसमें बेहोश करने की जरूरत नहीं होती है। मरीज की पथरी तोड़ी गई थी, उसका चूरा और बुरादा पेशाब की नली में जमा हो गया था, जिसे हटाना जरूरी था। ऑपरेशन थिएटर में उनकी केवल दो दिन की ड्यूटी रहती है। इसलिए तत्काल चूरा को हटाने के लिए छोटी सर्जरी की गई। यह कोई नया नहीं था। सप्ताह में कई महिलाओं की सर्जरी इस तरह की जाती है।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं मिली है। न ही इससे संबंधित कोई शिकायत मिली है। अगर लिखित तौर पर शिकायत मिलती है, तो मामले की जांच कराई जाएगी। बड़ी सर्जरी से पहले बेहोशी की जरूरत होती है। छोटी सर्जरी में मरीज को बेहोश नहीं किया जाता है।

यह भी पढ़ें: अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को घेरा, बोले- निकाय चुनाव पूरी जोरदारी से लड़ेंगे

Connect Us Facebook | Twitter

 

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox