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Buddha the World will Smell Like Black Salt Rice : काला नमक की खुशबू से महकेगी दुनिया, सिद्धार्थनगर में बोले सीएम योगी

• LAST UPDATED : April 3, 2022

इंडिया न्यूज, सिद्धार्थनगर।

Buddha the World will Smell Like Black Salt Rice : जिस धरती से निकलकर महात्मा बुद्ध ने दुनिया भर में शांति का संदेश दिया, उसी धरती के कालानमक चावल की महक से अब पूरी दुनिया महकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कालानमक चावल पर अनुसंधान कार्य को आगे बढ़ाने के संकेत दिए। इस कारण कालानमक की गुणवत्ता बढ़ाने में जुटे कृषि वैज्ञानिकों को भी नई उम्मीद जगी है। (Buddha the World will Smell Like Black Salt Rice)

विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि कालानमक चावल महात्मा बुद्ध के समय भी विख्यात था। उस कालखंड में कालानमक चावल का अनुसंधान हुआ। इस चावल की खुशबू पहले जिले में थी, जो अब देश में फैल चुकी है। महात्मा बुद्ध की तरह कालानमक चावल की खुशबू को पूरी दुनिया में महकाने का कार्य किया जाएगा। कालानमक चावल पर अनुसंधान होगा। अनुसंधान की प्रक्रिया थमने नहीं देंगे।

निरंतर जारी रहेगी विकास की प्रक्रिया (Buddha the World will Smell Like Black Salt Rice)

विकास की प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी। चावल की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अभी से इस पर कार्य शुरू होने चाहिए। सिद्धार्थनगर में एक जिला एक उत्पाद प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कालानमक चावल का चयन किया गया है। इस अभियान को और आगे बढ़ाया जाएगा। कार्यक्रम में आए अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने जानकारी दी कि वाराणसी के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार कालानमक चावल में ग्लाइसमिक इंडेक्स कम होता है, यह चावल मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद है। (Buddha the World will Smell Like Black Salt Rice)

अनुसंधान से इसकी गुणवत्ता और बढ़ाई जा सकती है। हालांकि, कालानमक चावल पर अनुसंधान करने वाले कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरसी चौधरी पहले ही कालानमक चावल को मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होने को प्रमाणित कर चुके हैं।

कम हो रही कालानमक की महक (Buddha the World will Smell Like Black Salt Rice)

कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसबी मिश्रा ने बताया कि कालानमक चावल में नर्सरी से बुवाई तक अनुसंधान की आवश्यकता है। पहले किसी घर में कालानमक चावल बनता था तो पड़ोसी के घर में सुगंध पहुंच जाती थी लेकिन, अब सुगंध में कुछ कमी आई है। इस पर अनुसंधान करने की आवश्यकता है। अनुसंधान होगा तो कालानमक चावल की गुणवत्ता कायम रहेगी एवं और बेहतर हो सकती है। (Buddha the World will Smell Like Black Salt Rice)

गुणवत्ता बढ़ेगी तो देश-विदेश में मांग और बढ़ जाएगी। किसान सुखी होंगे। खेसरहा में कालानमक चावल की एक सीएफसी बन रही है, इसमें कुटाई होने पर खुशबू कुछ अधिक होने की संभावना है। जिले में और सीएफसी बनाने की आवश्यकता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरसी चौधरी ने कहा कि कालानमक चावल पर अनुसंधान की बहुत आवश्यकता है।

(Buddha the World will Smell Like Black Salt Rice)

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