India News (इंडिया न्यूज), Rinke Upadhyay, Agra : स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में महिलाओं की सुविधा के लिए नगर निगम ने पिंक टायलेट का निर्माण किया था। इसके तहत 30 टायलेट बनाए गए थे। एक टायलेट के निर्माण में करीब 4.50 लाख रुपये खर्च आया था। इनके रखरखाव के लिए नगर निगम ने निजी संस्था के साथ करार किया। हर महीने इन पर तीन लाख खर्च भी किए जाते हैं, लेकिन ये टायलेट सफेद हाथी साबित हो रहे हैं।
इंडिया न्यूज संवाददाता रिंकी उपाध्याय की रिपोर्ट के मुताबिक, निगम के अधिकारियों का कहना है कि संस्था के साथ करार खत्म हो गया है। नया एग्रीमेंट होने तक वही संस्था सुविधाएं देख रही। प्रतिमाह प्रति टायलेट पर करीब 10 हजार रुपये का खर्च आता है लेकिन टायलेट कभी खुलते नहीं है। कई ऐसे भी हैं जबसे बने उनका ताला तक नहीं खुला है। किसी टायलेट में पानी नहीं तो किसी में बिजली। किसी की शीट ही गायब हो चुकी हैं। यहां महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है, लेकिन किसी-किसी टायलेट पर ही ड्यूटी के नाम पर खाना पूर्ति करती नजर आती हैं और ज्यादातर में नहीं दिखतीं।
राजा मंडी बाजार में काफी चहल पहल रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यहां पिंक टायलेट बनाए गए हैं। लेकिन न तो यहां पानी की व्यवस्था है और न ही महिला कर्मचारी नजर आती है। नूरी दरवाजा एक बड़ा क्षेत्र है। यहां आसपास सिंधी मार्केट और अन्य कपड़ा बाजार हैं। शहर और शहर के बाहर से यहां बड़ी संख्या में ग्राहक आते हैं। यहां भी महिलाओं की सुविधा के लिए टायलेट बनाया गया है लेकिन यह भी बस शो-पीस है।
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