इंडिया न्यूज, हरियाणा : Car caught Fire due to Truck Collision in Panipat पानीपत के इसराना में ट्रक की टक्कर के बाद कार में आग लग गई। तीनों दोस्त कार के शीशे में धक्का मारकर मदद मांग रहे थे, लेकिन कार में लगी आग इतनी भीषण थी कि किसी की भी पास जाने की हिम्मत नहीं हुई। आग की लपटों की वजह से कार के अंदर देख पाना भी मुश्किल था। तीनों युवक कार के अंदर इस कदर तड़प रहे थे कि वह 10 मिनट तक हिलती रही लेकिन वे बाहर नहीं निकल सके।
एंबुलेंस चालकों ने पुलिस कर्मियों की मदद से कार की खिड़की तोड़कर शवों को बाहर निकाला। इस दौरान तीनों के शरीर के टुकड़े टूटकर गिरने लगे थे। किसी तरह शवों को समेटकर सिविल अस्पताल में भेजा गया। यहां भी एंबुलेंस से शवों को उतराते हुए शरीर के टुकड़े शवगृह के बाहर ही गिरने लगे। शवगृह के कर्मचारियों ने इन टुकड़ों को किसी तरह संभालकर शवगृह के अंदर रखवाया।
सेक्टर-13-17 निवासी विक्रांत पुत्र सितमपाल सेक्टर-18 एवं नूरवाला में पैथलैब चलाता था। विक्रांत के पास कई जिलों की पैथलैब से सैंपल कलेक्शन का ठेका भी था। वह अकसर दूसरे जिलों में सैंपल कलेक्शन के लिए जाता था। उसकी दो वर्ष पहले फिजियोथैरेपिस्ट रेणू से शादी हुई थी और उनका दो माह का बेटा है। अब तक बेटे का नामकरण भी नहीं हुआ है। सिविल अस्पताल में पहुंची रेणू बेसुध रही। ससुर सितमपाल से कहती रही कि विक्रांत को कुछ नहीं होगा, उसे घर लेकर आओ।
एंबुलेंस से शव को निकालने पर शव ड्राइविंग सीट पर मिले शव के हाथ में मोबाइल मिला। पुख्ता तौर पर यह कहना मुमकिन नहीं है कि यह शव तीनों दोस्तों में से किसका है। माना जा रहा है कि क्योंकि कार विक्रांत की थी तो वही कार चला रहा होगा। कॉल कर मदद मांगने का प्रयास भी किया गया था।
विक्रांत का बड़ा भाई मनीष 2014 में संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क हादसे में घायल हो गया था। परिजनों को शक है कि मनीष को किसी वाहन ने जान बूझकर टक्कर मारी थी। मनीष चार माह आईसीयू में रहा था। हादसे के बाद से वह अपंग हो गया। मनीष चार साल के बेटे का पिता था। पिता सितमपाल ने बताया कि अब मनीष ने नवरात्रों में व्रत रखें थे।
उसने माता से मन्नत मांगी थी कि अगर उसकी अपंगता खत्म हुई तो वह घर में जागरण कराएगा। अब मनीष काफी हद तक ठीक हो गया था। ऐसे में शुक्रवार को जसबीर कॉलोनी स्थित घर में माता का जागरण रखा था। घर में जागरण की तैयारियां चल रही थी और यह खबर आ गई।
सुगम त्यागी के पिता रविंद्र की साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। चार भाइयों में सुगम सबसे छोटा था। दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। सुगम छह माह से विक्रांत की लैब पर काम कर रहा था।
दो भाइयों में पंकज छोटा था। पंकज की तीन साल पहले शादी हुई थी। परिवार में डेढ़ साल का बेटा है। यह विक्रांत के पास सैंपल लेकर आता था।
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