Controversy
इंडिया न्यूज, देहरादून (Uttarakhand) । उधम सिंह नगर में कुंडा कांड के बाद से ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस के बीच मुकदमों की झड़ी लगी है। एक तरफ उत्तराखंड पुलिस उत्तर प्रदेश पुलिस की दबिश को गलत ठहराने में जुटी है तो वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच इस घटना को लेकर चल रही टेंशन अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने एक बड़ा विवादित बयान दे दिया, जो शायद अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच के इस विवाद को और भी बढ़ा देगा।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदेश में हुए विभिन्न अपराधों पर पुलिस की भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उत्तराखंड की पुलिस अपराधियों को पकड़ने में कोई कोताही नहीं बरतती। जबकि उत्तर प्रदेश की पुलिस की तरह फर्जी खुलासे नहीं किए जाते और निर्दोषों को नहीं फंसाया जाता। उत्तर प्रदेश पुलिस पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की तरफ से कही गई यह बात बेहद गंभीर है, खासतौर पर तब जब उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस पहले ही जसपुर की घटना को लेकर टेंशन है।
क्यों उठ रहे विवाद
दरअसल, यूपी पुलिस को बीते बुधवार दोपहर को पता चला कि खनन माफिया जफर मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा इलाके में है। पुलिस ने दबिश दी तो जफर ने फायरिंग शुरू कर दी। जबावी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई। घिरता देख जफर यहां से बॉर्डर क्रॉस कर पास के गांव भरतपुर पहुंच गया। यूपी पुलिस की टीम पीछा करते हुए यहां भी पहुंच गई।
शाम साढ़े पांच बजे फिर से दोनों का आमना-सामना हुआ। यहां भी क्रॉस फायरिंग हो रही थी तभी भाजपा नेता गुरताज सिंह भुल्लर की पत्नी गुरजीत कौर (28 साल) इसकी चपेट में आ गई। और उनकी मौत हो गई। वे ड्यूटी कर घर लौट रही थीं। गुरजीत सहकारी समिति में लिपिक थीं।
10 से 12 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज
इस घटना के बाद भरतपुर के नाराज गांववालों ने 10 से 12 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज कराई है। उधर, मुरादाबाद पुलिस ने ठाकुरद्वारा थाने में खनन माफिया जफर, उसके साथियों और भरतपुर गांव के कुछ लोगों पर FIR दर्ज कराई है। सभी पर पुलिस टीम को बंधक बनाकर हमला करने, 3 पुलिस वालों को गोली मारने और 3 अन्य को मारपीटकर जख्मी करने के आरोप हैं।
भाजपा नेता के फार्म हाउस में जा छुपा इनामी
बरेली जोन के ADG राजकुमार का कहना है कि मुरादाबाद पुलिस 50 हजार के इनामी खनन माफिया जफर का पीछा करते हुए भरतपुर गांव में पहुंची थी। जहां वह भाजपा नेता गुरताज सिंह के फार्म हाउस पर जाकर छुप गया। हालांकि इस घटना के दो दिन बाद मुरादाबाद पुलिस ने खनन माफिया जफर को पकड़ लिया। लेकिन इस घटना से ही विवाद जारी है।
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