India News UP ( इंडिया न्यूज ), Crop-specific boards: प्रतिवर्ष 50,000 करोड़ रुपये मूल्य के कृषि निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार फसल- स्पेशल कमोडिटी बोर्ड स्थापित करने की योजना बना रही है।
राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे कृषि उत्पादकता बढ़ेगी, खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा और अगले चार वर्षों में कृषि मूल्य श्रृंखला में नई जान आएगी। रोजगार सृजन के लिए सरकार कृषि पर केंद्रित स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है।
बागवानी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश से सालाना करीब 20,000 करोड़ रुपये का कृषि निर्यात होता है, लेकिन इसमें 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात करने की क्षमता है।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय मसाला बोर्ड की तर्ज पर राज्य स्तरीय बागवानी वस्तु बोर्ड स्थापित किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में आलू और केला जैसी कुछ बागवानी फसलें हैं, जिन्हें इसी तरह के कमोडिटी बोर्ड से काफी लाभ हो सकता है।”
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उत्तर प्रदेश में अनुमानत: 2.1 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी फसलें उगाई जाती हैं। सिंह ने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश में स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट और फूलों जैसी बागवानी उपज की भारी मांग है। हमारे किसानों को निर्यात पर ध्यान देने से पहले घरेलू मांग को पूरा करना भी मुश्किल होगा।”
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