इंडिया न्यूज, आगरा।
Dacoits Museum will be Built in Ravines of Chambal : चंबल के बीहड़ों में जहां से कभी मान सिंह, पान सिंह तोमर, फूलनदेवी, निर्भय गुज्जर जैसे डाकुओं की सत्ता चली, वहां अब डाकुओं का म्यूजियम बनाया जाएगा। इस म्यूजियम में उनकी कहानियों, उनसे जुड़े हथियारों और आत्म समर्पण या एनकाउंटर से जुड़ी चीजों को प्रदर्शित किया जाएगा। (Dacoits Museum will be Built in Ravines of Chambal)
पद्मश्री से सम्मानित पुरातत्वविद केके मुहम्मद ने लंदन के रॉबिनहुड म्यूजियम की तर्ज पर डाकुओं के म्यूजियम को बनाने की कवायद शुरू की है। मध्य प्रदेश सरकार को वह मुरैना के बटेश्वरा में म्यूजियम बनाने का प्रस्ताव दे चुके हैं। मुरैना के बटेश्वरा के 200 मंदिरों को संवारने की मुहिम शुरू करने वाले केके मुहम्मद चंबल के बीहड़ में ही म्यूजियम के जरिए संदेश देना चाहते हैं कि हथियार उठाने से कोई समस्या हल नहीं होती।
पद्मश्री केके मुहम्मद ने बताया कि डाकुओं की जिंदगी और चंबल के बीहड़ों का रोमांच म्यूजियम में नजर आएगा। आगरा से सटे होने के कारण इसे एडवेंचर टूरिज्म से जोड़ा जाएगा, ताकि पर्यटक बीहड़ों की संस्कृति, सभ्यता, इतिहास और बागियों की कहानियों को जान सकें। (Dacoits Museum will be Built in Ravines of Chambal)
डाकुओं का अंत करने वाले पुलिस अधिकारियों की कहानियों को यहां बयां किया जाएगा। म्यूजियम में डाकू मान सिंह, पान सिंह तोमर, फूलन देवी, मलखान सिंह, निर्भय गुज्जर आदि पर बनी 30 से ज्यादा फिल्मों की भी जानकारी दी जाएगी। अपराध की दुनिया चुनने वालों का अंत कैसा होता है, यह संदेश इस म्यूजियम के जरिए दिया जाएगा।
आगरा में अधीक्षण पुरातत्वविद रहे एएसआई के पूर्व निदेशक केके मुहम्मद बताते हैं कि मुरैना के बटेश्वरा में 64 योगिनी मंदिरों के पास 200 शिवमंदिर भूकंप में नष्ट हो गए थे। गुर्जर प्रतिहार वंश के शासकों ने इन्हें बनवाया था। संसद भवन में उसी 64 योगिनी मंदिर की प्रतिकृति है। (Dacoits Museum will be Built in Ravines of Chambal)
इन मंदिरों के संरक्षण के समय वह डाकू निर्भय गुज्जर के संपर्क में आए थे। संरक्षण के दौरान डाकुओं ने सहयोग किया था। तभी से रॉबिनहुड म्यूजियम की तर्ज पर डाकुओं का म्यूजियम बनाने का विचार आया। अब उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार को यह प्रस्ताव दिया है। इसके जरिए उन्होंने ग्रामीण पर्यटन और रोजगार को बढ़ाने का विचार दिया है, जिससे चंबल के बीहड़ों में बसे गांव तक पर्यटक पहुंचेंगे।
(Dacoits Museum will be Built in Ravines of Chambal)