इंडिया न्यूज, लखनऊ।
Meerut DDO Lodged in Lucknow Jail : मेरठ के जिला विकास अधिकारी दिग्विजय नाथ तिवारी 18 फरवरी से गुमशुदा थे। 18 फरवरी को उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को चिट्ठी लिखकर 2 दिन की छुट्टी स्वीकृत कराई थी। छुट्टी के बाद भी डीडीओ दिग्विजय नाथ तिवारी नौकरी पर नहीं लौटे। करीब 8 दिन और बीते तो आला अफसरों को उनकी चिंता हुई। फरियादियों को भी उनके ऑफिस पर ताला लटका हुआ मिल रहा था। जब डीडीओ का पता नहीं चला, तो अफसरों ने जांच कराई जिसमें बताया गया कि डीडीओ लखनऊ जेल में बंद हैं। (Meerut DDO Lodged in Lucknow Jail)
मेरठ के जिला विकास अधिकारी दिग्विजय नाथ को सीबीआई ने मनरेगा घोटाले में आरोपी पाए जाने पर गिरफ्तार कर लिया था। संतकबीरनगर जिले में तैनाती के समय उन पर मनरेगा घोटाले के आरोप लगे थे। सीबीआई लंबे समय से निगरानी रख रही थी। जैसे ही दिग्विजय नाथ तिवारी को पता चला कि अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है, तो मेरठ में चुनाव कराने के बाद 18 फरवरी को वह 2 दिन का अवकाश लेकर चले गए। 21 फरवरी को उन्हें छुट्टी से वापस मेरठ लौटना था, लेकिन वह नहीं आए। उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ था।
डीडीओ डीएन तिवारी के जेल में होने की तस्दीक तब हुई जब उनकी ओर से हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की गई। मामला 2007 से 2010 के दौरान संतकबीरनगर में हुए मनरेगा घोटाले से जुड़ा हुआ है। यहां बीडीओ के पद पर तैनात रहे डीएन तिवारी ने आर्थिक गड़बड़ी की थी। मनरेगा में करीब 250 करोड़ रुपये का घपला हुआ था। इस मामले में सीबीआई जांच चल रही थी। डीएन तिवारी ने इस मामले में एन्टीस्पेटरी बेल के लिए भी पहले आवेदन किया था।