India News (इंडिया न्यूज़),Gyanvapi ASI Survey: यूपी के वाराणसी के काशी में स्थित ज्ञानवापी परिसर का मामला पूरे देश में लगातार सुर्खियां बटोर रहा है। इसी बीच आज एक बार फिर वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित मामले की सुनवाई जिला न्यायालय में होनी है। दरअसल वादिनी राखी सिंह द्वारा ज्ञानवापी परिसर के शेष बचे तहखानों और अन्य जगहों की ASI सर्वे की मांग की गई थी। जिसमें पिछले तारीख को हुई सुनवाई के बाद 28 फरवरी की डेट दी गई थी। इस मामले में आज 2 बजे सुनबाई होनी है।
वाराणसी जिला जज ने कोर्ट द्वारा 31 जनवरी को ही व्यास तहखाना में पूजा पाठ करने के आदेश जिला जज ने दिए थे। ऐसे में आज होने वाली सुनवाई अहम होगी कि क्या वाराणसी जिला न्यायालय की तरफ से बचे बाकी के तहखाने और इलाके में भी ASI सर्वे की इजाजत मिलेगी है या नहीं।
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मुस्लिम पक्ष के आवेदन में कहा गया है कि न्याय के उद्देश्य को पूरा करने के लिए एएसआई को पूरे सील क्षेत्र और शिवलिंग में एक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया जा सकता है कि क्या वह फव्वारा है या नहीं। समुदाय विशेष के लोगों का दावा है कि मई 2022 में वीडियोग्राफिक सर्वे के दौरान मिली वस्तु शिवलिंग नहीं, बल्कि वजूखाने के फव्वारे का ढांचा है। हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने जिला अदालत के समक्ष दायर अपनी रिपोर्ट में मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के बाद हिंदू मंदिर के सबूत पाए।
वरिष्ठ अदालत ने 16 जनवरी को जिला प्रशासन से सीलबंद क्षेत्र की सफाई की निगरानी करने के लिए कहा था,जब हिंदू पक्ष ने एक आवेदन दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि मरी हुई मछलियों की मौजूदगी के कारण पानी की टंकी से बदबू आ रही है। इस याचिका में कहा गया था, “क्योंकि वहां एक शिवलिंग है, जो हिंदुओं के लिए पवित्र है, इसे सभी गंदगी, मरे जानवरों आदि से पूरी तरह दूर रखा जाना चाहिए और यह साफ स्थिति में होना चाहिए। ये इस समय मरी हुई मछलियों के बीच में हैं, जिसके कारण भगवान शिव के श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं।”
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