Prayagraj
इंडिया न्यूज, प्रयागराज (Uttar Pradesh) । उत्तर प्रदेश में डेंगू मरीज बढ़ते जा रहे हैं। यहां अब तक 900 मरीज मिल चुके हैं। मौतें भी बढ़ती जा रही हैं। अकेले प्रयागराज में सात वकीलों की मौत हुई है। इससे नाराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज के डीएम, सीएमओ और नगर आयुक्त को 4 नवंबर को तलब किया है। इस मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जटिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने दिया है। खंडपीठ ने कहा कि डेंगू पर प्रशासनिक दावों से जमीनी हकीकत एकदम उलट है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में प्रयागराज में बने डेंगू कंट्रोल रूम में एक चकबंदी अधिकारी की तैनाती पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा था कि अब क्या चकबंदी अधिकारी डॉक्टर का भी काम करेंगे? इसके बाद प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई गई है।
प्रयागराज नगर निगम के अधिवक्ता एसडी कौटिल्य ने कोर्ट से आशंका जताई कि फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव से भी डेंगू का प्रकोप कम नहीं हो रहा है और लोग मल्टी आर्गन फेल्योर से मर रहे हैं। ऐसे में यह कोई और भी बीमारी हो सकती है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके ओझा ने कोर्ट को बताया कि अब तक 7 वकीलों की डेंगू से असामयिक डेथ हो चुकी है। 100 से अधिक वकील बुखार से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि श्मशान घाटों से प्रतिदिन बुखार से मरने वालों की रिपोर्ट मांग ली जाए तो डेंगू से मरने वालों के वास्तविक आंकड़े मिल सकेंगे। खंडपीठ ने बताया कि जजों की कॉलोनियों तक में फॉगिंग नहीं कराई गई है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि शासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। उठाए गए कदमों की अपेक्षा धरातल पर वास्तविकता कुछ और है। डेटा नहीं ग्राउंड रियलिटी देखें अफसर। नगर निगम और हेल्थ डिपार्टमेंट जाड़े का इंतजार कर रहा है। फॉगिंग प्रॉपर नहीं हो रही है।
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