Dengue In Uttar Pradesh
इंडिया न्यूज, प्रयागराज (Uttar Pradesh) । इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को डेंगू को लेकर अहम सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट ने प्रयागराज के डीएम, सीएमओ और नगर आयुक्त को तलब किया था। आज शुक्रवार को इन अधिकारियों को हाईकोर्ट में जवाब देना है। कोर्ट ने गुरुवार को पूछा था कि डेंगू से बचाव और बुखार पर नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और क्या उठाए जाने हैं?
इसके अलावा हाईकोर्ट ने कहा था कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निरीक्षण के दौरान मिली करोड़ों की एक्सपायर्ड दवाओं के मुद्दे पर राज्य सरकार से पूछा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाओं के इस्तेमाल, खरीद और प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी समेत अन्य चिकित्सा सुविधाओं की कमी के मामले में सख्ती दिखाई।
लखनऊ में 1058, वाराणसी 244, गोरखपुर 169 डेंगू मरीज मिले हैं। यहां नियंत्रण विशेष टीमें के अंतर्गत हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग एवं नगर विकास विभाग लगातार इस पर कार्य कर रहे हैं। साफ सफाई, एंटीलार्बल स्प्रे, फॉगिंग, डेंगू बचाव के प्रति जागरुकता अभियान आदि चलाया जा रहा है।
प्रदेश के डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में 37374527 घरों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान संक्रमित जनित परिस्थितियां दूर नहीं करने पर 8775 लोगों को नोटिस जारी किया गया।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को यह आदेश एक जनहित याचिका पर दिया। याचिका में डेंगू की रोकथाम समेत सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं का मुद्दा उठाया गया है। साथ ही उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के निरीक्षण में मिली करोड़ों की एक्सपायर्ड दवाओं के उठाए गए मुद्दे पर राज्य सरकार से पूछा कि प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में दवाओं के इस्तेमाल, खरीद और प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है?
याची का कहना था कि वर्तमान में डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। जबकि सरकारी अस्पतालों में मैनपावर, जांच व दवाओं की कमी है। इस पर कोर्ट ने सरकार से अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं के उच्चीकरण और प्लाज्मा की उपलब्धता को लेकर जवाब मांगा है। साथ ही शुक्रवार को एसीएस हेल्थ व एसीएस चिकित्सा शिक्षा, सीएमओ लखनऊ व नगर निगम से चिकित्सा सुविधाओं का पूरा ब्योरा तलब किया है।
हाईकोर्ट ने अन्य संक्रमण जनित बीमारियों जैसे चिकनगुनिया, डेंगू, वायरल आदि की रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले कदमों व अस्पतालों में अतिरिक्त बेड की जानकारी विभागों से मांगी है। इसके अलावा केंद्र के वकीलों को केंद्र सरकार की स्वास्थ्य सेवा व लखनऊ के रेलवे अस्पताल प्रबंधन के सर्वोच्च अफसर से इन बीमारियों के इलाज के उपायों की जानकारी पेश करने को कहा।
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